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HAL के प्रबंधन और वर्कर्स यूनियन के बीच जारी गतिरोध की वजह से हड़ताल जारी

बेंगलुरु: हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) के प्रबंधन और वर्कर्स यूनियन के बीच जारी गतिरोध की वजह से आज तीसरे दिन भी हड़ताल देश के तकरीबन सभी यूनिटों में जारी रही. इस हड़ताल को लेकर बेंगलुरु में प्रबंधन ने कर्मचारी यूनियन पर दोष मढ़ा. इस पर यूनियन ने आरोप लगाया कि प्रबंधन गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. यह मामला वेज रिवीजन का है. स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस और लड़ाकू हेलीकॉप्टर बनाने वाले हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड के कर्मचारी प्रबंधन से इतने नाराज़ हैं कि उन्होंने कामकाज ठप कर दिया है।

आपको बता दे कि तेजस जैसा उन्नत विमान बनाने वाले हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड के पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसे नहीं, मुश्किल दौर से गुजर रहे को कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए बैंक से 1000 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ा।

हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) के कर्मचारियों मांग है कि अधिकारियों की तरह ही उन्हें भी भत्ते में 15 फीसदी वृद्धि और अन्य सुविधाओं में 35 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जाए. लेकिन प्रबंधन भत्ते में 11 फीसदी और अन्य सुविधाओं में 22 फीसदी बढ़ोत्तरी देने के लिए तैयार है।

एचएएल कर्मचारी संघ के महासचिव सूर्ये देवरा चंद्रशेखर ने कहा कि ‘हम अपनी मांग से पीछे हटने वाले नहीं हैं. हमारी मांग 15 और 35 फीसदी की है. हमारी मांग जायज़ है. दूसरे पब्लिक और डिफेंस सेक्टर में कर्मचारियों के ये भत्ते मिल रहे हैं।

इस हड़ताल की वजह से उन सुरक्षा एजेंसियों के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है जहां एचएएल के हेलीकॉप्टर इस्तेमाल होते हैं, क्योंकि कर्मचारी संघ के मुताबिक यहां इंजीनियर भी हड़ताल पर चले गए हैं. अब तक प्रबंधन और हड़ताली कर्मचारियों के बीच 15 मीटिंगें हो चुकी हैं लेकिन सभी बेनतीजा रहीं।

हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का दावा है कि प्रबंधन सही तस्वीर नहीं दिख रहा. उनका कहना है कि पहले दौर के रिवीजन के बाद का 43 महीनों का भत्ता और दूसरे रिवीजन के बाद का 33 महीनों का भत्ता नहीं मिला है. और इस बीच कई कर्मचारी रिटायर भी हो गए।

फाइटर प्लेन क्रैश होने पर पूर्व नेवी चीफ ने HAL की गुणवत्ता पर उठाए सवाल, कहा- साधारण पायलट नहीं उड़ा रहे थे मिराज, अक्सर जवानों को गंवानी पड़ी है जान। जिन हाथों ने तेजस को आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचाया वे आज रुके हुए हैं. प्रबंधन और कर्मचारी संघ की तकरार का असर रक्षा उत्पादन पर हो रहा है।

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रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

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