पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एमबीबीएस छात्रा से गैंगरेप केस ने नया मोड़ ले लिया है।
जिसे अब तक “निर्भया जैसी वारदात” बताया जा रहा था,
उसमें पुलिस की जांच ने रिश्तों और भ्रम की परतें खोल दी हैं।
पीड़िता और एक आरोपी के बीच प्रेम-संबंध का खुलासा —
अब पुलिस के मुताबिक, कहानी सिर्फ “गैंगरेप” की नहीं, बल्कि
“धोखे, झूठ और गुमराह करने की कोशिश” की भी है।
📱 वॉट्सएप चैट ने खोला राज
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी वासिफ अली,
पीड़िता का क्लासमेट और बॉयफ्रेंड था।
दोनों के बीच हुई वॉट्सएप चैट ने उनके रिश्ते की पुष्टि की है।
जांच अधिकारियों का दावा है कि दोनों रात को डेट पर गए थे,
लेकिन बाद में जो हुआ, उसने पूरी कहानी बदल दी।
🌲 श्मशान के पास जंगल में ‘डेट’, फिर हमला
10 अक्टूबर की रात दोनों कॉलेज से निकलकर एक सुनसान इलाके में गए —
जहां पास ही एक श्मशान घाट और जंगल है।
पुलिस का कहना है कि तभी तीन अन्य युवक वहां पहुंचे
और दोनों पर हमला कर दिया।
पीड़िता का दावा है कि उसी दौरान उसके साथ गैंगरेप हुआ।
लेकिन, अब जांच में यह भी सामने आया है कि
घटना की टाइमलाइन और बयान दोनों मेल नहीं खाते।
🧩 पुलिस की थ्योरी पर उठने लगे सवाल
पुलिस का कहना है कि पीड़िता और उसका बॉयफ्रेंड
बार-बार बयान बदल रहे हैं।
एक अधिकारी ने कहा —
“दोनों जानबूझकर जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
उनके बयानों और डिजिटल सबूतों में अंतर है।”
हालांकि, पीड़िता का परिवार इसे ‘कैरेक्टर असैसिनेशन’ बता रहा है।
उनका कहना है कि
“पुलिस को आरोपियों पर ध्यान देना चाहिए, न कि पीड़िता के निजी जीवन पर।”
⚖️ गिरफ्तारी की चेन और सीन रीक्रिएशन
अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
मुख्य आरोपी सफीक एसके को उसकी बहन रोजीना ने पुलिस के हवाले किया।
रोजीना ने बताया कि वह 13 अक्टूबर को अंडाल पुल के नीचे मिला था,
जहां पुलिस ने उसे घेरकर पकड़ा।
इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों और पीड़िता के बॉयफ्रेंड को
घटनास्थल पर ले जाकर सीन रीक्रिएट कराया।
इस दौरान भी कई विरोधाभासी बातें सामने आईं।
💬 परिवार का दर्द — “बंगाल में औरंगजेब का शासन”
पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर
कड़ी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा —
“वह खुद एक महिला हैं, फिर इस तरह का बयान कैसे दे सकती हैं?
क्या अब महिलाएं बाहर निकलना बंद कर दें?
ऐसा लगता है बंगाल में औरंगजेब का शासन है।”
परिवार अब बेटी को ओडिशा वापस ले जाने की तैयारी में है।
🧠 विश्लेषण — जब ‘सच्चाई’ और ‘सियासत’ टकराती है
यह केस अब सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं रहा,
यह सवाल बन गया है —
क्या पुलिस जांच सच्चाई तक पहुंचेगी,
या फिर यह मामला भी “सोशल मीडिया की अदालत” में दफन हो जाएगा?
