अगर आपके मोबाइल पर बिजली स्मार्ट मीटर अपडेट कराने के नाम से कोई कॉल या मैसेज आए, तो तुरंत सतर्क हो जाइए। भागलपुर में स्मार्ट मीटर अपडेट के नाम पर साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ठग न सिर्फ आम लोगों को, बल्कि पढ़े-लिखे, कारोबारी, रिटायर्ड अधिकारी और डॉक्टर तक को अपना शिकार बना रहे हैं।
साइबर अपराधी खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताकर फोन करते हैं और कहते हैं कि आपका स्मार्ट मीटर अपडेट नहीं हुआ तो कनेक्शन कट जाएगा। इसके बाद वे एक फर्जी “विभागीय ऐप” या लिंक मोबाइल पर भेजते हैं। जैसे ही उपभोक्ता उस ऐप को स्वीकार करता है, उसका मोबाइल हैंग या बंद हो जाता है और इसी दौरान ठग बैंक खाते से रुपये उड़ा लेते हैं।
कैसे काम कर रहा है ठगी का तरीका
साइबर ठग बेहद शातिर तरीके से लोगों को फंसाते हैं—
- पहले बिजली स्मार्ट मीटर अपडेट या बिल रिचार्ज का डर दिखाया जाता है
- फिर 100 से 500 रुपये का छोटा रिचार्ज कराने को कहा जाता है
- मोबाइल पर एक फर्जी ऐप या लिंक भेजा जाता है
- लिंक/ऐप पर क्लिक करते ही मोबाइल पर ठगों का कंट्रोल हो जाता है
- कुछ ही मिनटों में बैंक खाते से हजारों या लाखों रुपये ट्रांसफर कर लिए जाते हैं
- अक्सर लोगों को ठगी का पता तब चलता है, जब मोबाइल पर बैंक से डेबिट मैसेज आता है। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
जनवरी से अब तक 63 मामले सामने
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक भागलपुर में 63 से ज्यादा मामले सिर्फ स्मार्ट मीटर अपडेट के नाम पर साइबर ठगी के सामने आ चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि ठगी का शिकार सिर्फ बुजुर्ग या अनपढ़ नहीं, बल्कि समझदार और अनुभवी लोग भी हो रहे हैं।
ठगी के कुछ बड़े मामले
- 5 दिसंबर 2025: चूड़ी-लहठी कारोबारी रवि मित्तल और उनकी पत्नी के खाते से 56 हजार रुपये उड़ाए गए
- 19 सितंबर 2025: संतोष कुमार की मां सविता देवी से 35 हजार रुपये की ठगी
- 6 सितंबर 2025: पूर्व सिविल सर्जन डॉ. प्रतिमा मोदी से 24 हजार रुपये की साइबर ठगी
- 11 सितंबर 2025: 61 वर्षीय रणजीत कुमार गुप्ता से 81,159 रुपये निकाले गए
- 22 अक्टूबर 2025: रिटायर्ड बैंक अधिकारी बीएन मित्रा और उनकी पत्नी से 1.80 लाख रुपये की ठगी
- 4 दिसंबर 2025: सेवानिवृत्त अभियंता एके चौधरी से 3 लाख रुपये ठग लिए गए
क्यों आसानी से फंस जाते हैं लोग
- बिजली कटने का डर
- सरकारी भाषा और तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल
- छोटी रकम (100–500 रुपये) से भरोसा जीतना
- फर्जी ऐप को असली सरकारी ऐप बताना
कैसे बचें इस साइबर फ्रॉड से
- बिजली विभाग कभी भी फोन पर ऐप डाउनलोड नहीं कराता
- किसी भी लिंक या ऐप पर क्लिक न करें
- ओटीपी, बैंक डिटेल, यूपीआई पिन किसी को न दें
- संदेह होने पर सीधे अपने बिजली विभाग कार्यालय से संपर्क करें
- ठगी होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
