
टेरर फंडिंग मामले का आरोपी मुमताज मंगलवार को लखीमपुर आकर सीजेएम कोर्ट में अपने समर्पण की अर्जी लगा गया। वह करीब दो घंटे कचहरी में रहा। वहीं, यूपी एटीएस, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
एजेंसियों के अफसर मुमताज को नेपाल बॉर्डर पर घूमते रहे। अर्जी पर कोर्ट ने जब थाने से रिपोर्ट मांगी तो इस बात का खुलासा हुआ। अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
निघासन थाना पुलिस और एटीएस ने 11 अक्तूबर को टेरर फंडिंग गिरोह का खुलासा करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें इज्जतनगर (बरेली) के गांव परतापुर चौधरी निवासी उम्मेद अली व समीर सलमानी उर्फ बदरुद्दीन और तिकुनियां (लखीमपुर खीरी) के संजय अग्रवाल व एराज अली शामिल हैं।
आतंकवादियों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए नेपाल के बैंकों में विदेशों से आने वाली रकम निकालने और उसे भारत में आतंकियों तक पहुंचाने वाले गिरोह के सरगना के रूप में पहचाने गए तिकुनियां के गांव डांगा निवासी मुमताज का नाम सामने आया था। पुलिस ने थाना निघासन में दर्ज कराई गई एफआईआर में मुमताज को भी आरोपी बनाया है।
दूसरी ओर, कोर्ट द्वारा थाने से रिपोर्ट मांगी जाने के बाद यूपी एटीएस, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं। बृहस्पतिवार को एटीएस की एक टीम सीओ सविरत्न गौतम के नेतृत्व में लखीमपुर पहुंची। टीम ने कचहरी परिसर जाकर उसकी तलाश की।