Saturday, 03 December 2016 07:14 AM
AP DESK
मौसम की मार के साथ ही समय में पानी नहीं मिलने के कारण किसानों को धान की फसल लेकर घाटा सहना पड़ रहा है। लगातार पिछले दो सालों से सही समय में पानी नहीं मिलने से किसानों का धान की खेती से मोहभंग होता जा रहा है। किसानों ने इसका विकल्प भी तैयार कर लिया है। जिले में लाभकारी फसलों मक्का, अरहर, उड़द इत्यादि की खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है।
इस खरीफ सीजन में देवभोग अंचल में बड़े पैमाने पर किसानों द्वारा मक्का फसल की खेती की जा रही है। अंचल में पिछले वर्ष 2 हजार 848 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की फसल ली गई थी, वहीं इस वर्ष 7 हजार 340 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का फसल की बोनी की गई है। क्षेत्र के किसानों का हर वर्ष मक्के की फसल के प्रति रुचि बढ़ने लगी है। पिछले वर्ष अंचल में 2 हजार 848 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की फसल ली गई थी, वहीं इस वर्ष 7 हजार 340 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का फसल की बोनी की गई है।
क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ललित यादव ने बताया कि गतवर्ष अल्पवर्षा की स्थिति में भी मक्का की पैदावार प्रभावित नहीं हुई थी, जिससे प्रोत्साहित होकर किसान इस वर्ष अधिक मात्रा में मक्का की फसल ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि देवभोग अंचल में मक्का के अलावा 15 हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार, 5 हेक्टेयर में कोदो-कुटकी तथा लगभग 75 हेक्टेयर भर्री जमीन एवं खेत के मेढ़ों में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में अरहर की फसल ली जा रही है। इसके साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत निर्मित नवीन तालाबों के मेढ़ों में भी अरहर की बोनी की गई है।
क्षेत्र के किसानों द्वारा 195 हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द तथा 780 हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली की बोनी की गई है। इस अंचल के किसान लाभकारी फसलों खेती के प्रति जागरूक हैं। ग्रीष्मकाल में भी उनके द्वारा मूंगफली सहित अन्य लाभकारी फसलों की खेती की जाती है।