वेदांता लिमिटेड को बड़ी राहत: SEPCO विवाद सुलझा, डीमर्जर प्रक्रिया आसान

अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड के लिए यह हफ्ता ऐतिहासिक साबित हो सकता है। कंपनी ने चीन की SEPCO Electric Power Construction Corporation के साथ वर्षों पुराना विवाद खत्म कर लिया है। इस समझौते के बाद सभी आर्बिट्रेशन क्लेम्स और काउंटरक्लेम्स वापस ले लिए गए हैं और अब NCLT सुनवाई की ज़रूरत नहीं है।

📌 क्या है पूरा मामला?

  • वेदांता की सब्सिडियरी Talwandi Sabo Power Ltd (TSPL) और SEPCO के बीच EPC कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा विवाद कई सालों से लंबित था।
  • इस विवाद पर लगातार आर्बिट्रेशन और NCLT सुनवाई चल रही थी।
  • समझौते के तहत दोनों पक्षों ने अब सभी कानूनी दावे वापस ले लिए हैं।
  • हालांकि, इस समझौते की वित्तीय शर्तों का खुलासा नहीं किया गया है

डीमर्जर प्रक्रिया पर बड़ा असर

  • वेदांता लिमिटेड अब अपने डीमर्जर प्रोसेस को तेज़ी से आगे बढ़ा सकेगी।
  • पहले यह डीमर्जर मार्च तक पूरा होना था, लेकिन अब नया लक्ष्य सितंबर 2025 के अंत तक का तय किया गया है।
  • डीमर्जर के बाद वेदांता को 5 अलग-अलग कंपनियों में बांटा जाएगा:
  1. एल्युमिनियम
  2. बेस मेटल्स
  3. आयरन एंड स्टील
  4. ऑयल एंड गैस
  5. पावर जनरेशन

📊 शेयर बाजार पर असर

  • शुक्रवार को इस खबर का असर तुरंत शेयर पर दिखा।
  • वेदांता का शेयर 3.05% चढ़कर ₹450.95 पर बंद हुआ।
  • हालांकि, 2025 में अब तक स्टॉक सिर्फ 1.5% ऊपर है।
  • मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि डीमर्जर की प्रक्रिया पूरी होने पर शेयरधारकों के लिए लंबी अवधि का फायदा हो सकता है।

⚖️ NCLT और मंत्रालय की भूमिका

  • NCLT मुंबई बेंच की अगली सुनवाई 17 सितंबर को तय थी।
  • लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय की आपत्तियों की वजह से सुनवाई टल गई थी।
  • अब विवाद सुलझने से वेदांता का रीस्ट्रक्चरिंग प्लान पटरी पर आ सकता है।

👉 वेदांता के लिए यह समझौता वर्ष 2025 की सबसे बड़ी राहत मानी जा रही है। कंपनी को न केवल कानूनी अड़चनों से छुटकारा मिला है बल्कि डीमर्जर की राह भी साफ हो गई है, जिसका सीधा असर निवेशकों और शेयरधारकों पर पड़ेगा।

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