भारत के म्यूचुअल फंड बाजार में एक बड़ा कदम उठाते हुए जियो-ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड ने अपना पहला एक्टिव इक्विटी फ्लेक्सी-कैप फंड लॉन्च किया है। इसकी सदस्यता शुरू हो चुकी है और 7 अक्टूबर तक खुली रहेगी। यह लॉन्च इसलिए खास है क्योंकि जियो और दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक की साझेदारी ने निवेशकों में बड़ी उम्मीदें जगा दी हैं।
🔹 फंड की प्रमुख खासियतें
- टाइप: ओपन-एंडेड डायनामिक इक्विटी स्कीम।
- निवेश क्षेत्र: लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयर।
- लक्ष्य: लंबी अवधि में पूंजी की वृद्धि (Capital Growth)।
- एग्जिट लोड: कोई शुल्क नहीं।
- फंड मैनेजर: तन्वी कचेरिया और साहिल चौधरी।
- बेंचमार्क: निफ्टी 500 इंडेक्स (TRI)।
🔹 न्यूनतम निवेश कितना?
- लम्पसम (एकमुश्त): न्यूनतम ₹500, फिर ₹1 के गुणकों में।
- SIP: न्यूनतम ₹500 प्रति किस्त, कम से कम 6 किस्तें।
🔹 पोर्टफोलियो आवंटन (Asset Allocation)
- इक्विटी (शेयर): 65%–100% (लार्ज, मिड और स्मॉल कैप कंपनियां)।
- डेट (ऋण व मनी मार्केट): 0%–35%।
- REITs/InvITs: 0%–10%।
🔹 निवेश रणनीति कैसे काम करेगी?
इस फंड की सबसे बड़ी खासियत है इसका टेक्नोलॉजी + एक्सपर्ट मैनेजमेंट मॉडल:
- ब्लैकरॉक का “सिग्नल रिसर्च स्कोर”: बिग डेटा, मशीन लर्निंग और एडवांस एनालिटिक्स का उपयोग।
- अलाद्दीन प्लेटफॉर्म: रिस्क मैनेजमेंट और तेजी से बदलती बाजार स्थितियों में स्मार्ट फैसले।
- उद्देश्य: मानवीय पूर्वाग्रह (Human Bias) को कम करके बेहतर रिटर्न देना।
🔹 क्यों करें फ्लेक्सी-कैप फंड में निवेश?
- लचीलापन: फंड मैनेजर को कैप सेगमेंट (लार्ज, मिड, स्मॉल) बदलने की आज़ादी।
- कोर पोर्टफोलियो: किसी भी निवेशक के लॉन्ग-टर्म पोर्टफोलियो का हिस्सा हो सकता है।
- SIP फायदेमंद: मार्केट के उतार-चढ़ाव में भी धीरे-धीरे वेल्थ क्रिएशन।
- लम्पसम निवेश: अगर इक्विटी एक्सपोजर कम है तो लंबी अवधि के लिए एकमुश्त निवेश। मौजूदा स्थिति को देखते हुए STP (6-12 महीनों में धीरे-धीरे निवेश) बेहतर।
🔹 रिस्क फैक्टर
- यह फंड इक्विटी मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़ा है।
- शॉर्ट-टर्म में नुकसान की संभावना।
- लॉन्ग-टर्म विजन (5–7 साल) वाले निवेशकों के लिए ज्यादा उपयुक्त।
👉 निष्कर्ष:
जियो-ब्लैकरॉक फ्लेक्सी-कैप फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है जो लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन चाहते हैं और जिनका पोर्टफोलियो विविध (Diversified) होना चाहिए। लेकिन निवेश से पहले हमेशा अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श करें, क्योंकि म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं।
