छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का खूनी तांडव: शिक्षादूत का अपहरण कर बेरहमी से हत्या, तीन दिन में दूसरी वारदात से दहशत

छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा एक बार फिर मासूमों की जान पर भारी पड़ी है। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक शिक्षादूत का पहले अपहरण किया और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

**घटना कैसे हुई

शुक्रवार शाम नेन्द्रा में पदस्थ शिक्षादूत कल्लू ताती स्कूल से घर लौट रहे थे। तभी घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उन्हें पकड़ लिया और जंगल की ओर ले गए। देर रात उनकी हत्या कर दी गई। बताया जाता है कि मृतक मूल रूप से बीजापुर जिले के तोड़का गांव का निवासी था।

** तीन दिन में दूसरी वारदात

इस घटना से ठीक तीन दिन पहले, 27 अगस्त को नक्सलियों ने सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र में भी एक शिक्षादूत की हत्या कर दी थी। मृतक का नाम लक्ष्मण बारसे था, जो सिलगेर इलाके में तैनात थे। नक्सलियों ने उन्हें मुखबिरी के शक में बेरहमी से मौत के घाट उतारा।
यानी, महज तीन दिन में नक्सलियों ने दो शिक्षादूतों की जान ले ली।

**लगातार निशाने पर शिक्षक

सूत्रों के मुताबिक, नक्सली शिक्षादूतों को फोर्स का मुखबिर समझकर निशाना बना रहे हैं। बंद पड़े स्कूलों के फिर से शुरू होने के बाद से बीजापुर में 6 और सुकमा में 5 शिक्षादूतों की हत्या हो चुकी है। यह सिलसिला शिक्षा व्यवस्था पर सीधा हमला माना जा रहा है।

**पुलिस और प्रशासन की चुनौती

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इस घटना पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि नक्सलियों का जनाधार लगातार कमजोर हो रहा है, इसलिए वे बौखलाहट में इस तरह की हिंसक वारदातें कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलियों को इन जघन्य अपराधों की कड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी और सुरक्षाबल इन्हें कतई बख्शेंगे नहीं।

** एनआईए की बड़ी कार्रवाई

इधर, छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी लगातार सक्रिय है। कांकेर जिले में 2023 में भारतीय सेना के जवान मोतीराम अचला की हत्या के मामले में एनआईए ने हाल ही में पांच नक्सल कार्यकर्ताओं के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। इनमें संगठन के सक्रिय कैडर और ओवरग्राउंड वर्कर शामिल हैं।

** माहौल में दहशत

लगातार हो रही हत्याओं से बस्तर और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है। ग्रामीणों और शिक्षकों में डर गहराता जा रहा है। वहीं, प्रशासन और सुरक्षाबल लगातार गश्त और सर्च ऑपरेशन तेज कर रहे हैं, ताकि निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके।

📌 निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की बर्बरता थमने का नाम नहीं ले रही। शिक्षादूतों को एक-एक कर मारकर नक्सली दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन का दावा है कि यह बौखलाहट है और नक्सली अपने अंत के करीब हैं।

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