नेपाल में पिछले तीन दिनों से चले आ रहे विरोध प्रदर्शनों ने आखिरकार बड़ा राजनीतिक संकट पैदा कर दिया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को सौंप दिया, जिसके बाद नेपाल में सत्ता का शून्य बन गया है और सेना ने मोर्चा संभाल लिया है।
🔥 विरोध की आग और इस्तीफ़ा
- शुरुआत सोशल मीडिया पर बैन से हुई थी, लेकिन देखते-ही-देखते यह विरोध सरकार विरोधी विद्रोह में बदल गया।
- दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सीधे ओली सरकार पर टूट पड़ा।
- सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गए, जिसके दबाव में ओली ने गद्दी छोड़ दी।
🏚️ प्रदर्शनकारियों का तांडव
- प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री ओली के घर को आग के हवाले कर दिया।
- कई मंत्रियों के घरों में तोड़फोड़ हुई, यहां तक कि वित्त मंत्री को भी भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
- सोमवार को हुई हिंसा में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत ने आग में घी डालने का काम किया और विद्रोह और उग्र हो गया।
🪖 सेना की एंट्री
- इस्तीफ़े के बाद नेपाल में सुरक्षा की बागडोर सेना ने संभाल ली है।
- सेना ने एक आधिकारिक बयान जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
- हालांकि हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं और सड़कों पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद हैं।
❓ आगे क्या?
- ओली के इस्तीफ़े के बाद नेपाल में अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है।
- पड़ोसी भारत और चीन भी नेपाल की इस स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं, क्योंकि इसका असर क्षेत्रीय राजनीति पर भी पड़ सकता है।
👉 सोशल मीडिया बैन से शुरू हुई चिंगारी आज नेपाल में सत्ता बदलने की वजह बन गई। अब सबकी नज़रें इस बात पर होंगी कि अंतरिम सरकार कैसे बनती है और नेपाल में स्थिरता कब लौटती है।