प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मणिपुर के दौरे पर रहेंगे। यह दौरा कई मायनों में खास है क्योंकि मई 2023 में मणिपुर में भड़की नस्लीय हिंसा के बाद यह प्रधानमंत्री का पहला दौरा होगा। तब से राज्य हिंसा, अविश्वास और असुरक्षा की लंबी अवधि से गुजर रहा है। अब जब पीएम मोदी इंफाल और चुड़ाचांदपुर पहुंचेंगे, तो उम्मीद की जा रही है कि यह दौरा मणिपुर में स्थायी शांति और विकास की नई राह खोलेगा।
🔎 दौरे का महत्व क्यों है?
- पहली यात्रा हिंसा के बाद – 2023 में भड़की हिंसा में 260 से ज्यादा लोगों की जान गई और लाखों प्रभावित हुए। विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा था कि पीएम मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए।
- विकास और शांति का संदेश – मोदी का यह दौरा केवल परियोजनाओं का शिलान्यास ही नहीं, बल्कि लोगों को यह भरोसा दिलाने का प्रयास है कि केंद्र सरकार मणिपुर के साथ खड़ी है।
- सांकेतिक महत्व – चुड़ाचांदपुर (कुकी बहुल इलाका) और इंफाल (मैतेयी बहुल इलाका) दोनों का दौरा कर पीएम मोदी यह संदेश दे रहे हैं कि केंद्र सरकार सभी समुदायों के लिए समान दृष्टि रखती है।
- ऐतिहासिक संदर्भ – 1988 के बाद यह पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री चुड़ाचांदपुर जाएगा।
🏗️ पीएम मोदी जिन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे
- मिजोरम से शुरुआत: ₹9,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं (रेलवे, सड़कें, LPG प्लांट, खेलो इंडिया हॉल आदि)।
- चुड़ाचांदपुर (मणिपुर): कई विकास कार्यों का उद्घाटन।
इंफाल:
- नया मणिपुर पुलिस मुख्यालय (₹101 करोड़)
- नया सिविल सचिवालय (₹538 करोड़)
- जल निकासी और परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली (₹3,647 करोड़)
- मणिपुर इन्फोटेक विकास परियोजना (₹550 करोड़)
🗣️ सरकार और पीएम की प्रतिक्रिया
- पीएम मोदी ने खुद कहा है कि:
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“हम मणिपुर के समावेशी और सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
- मणिपुर के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल का कहना है कि प्रधानमंत्री की यात्रा से राज्य में शांति, सामान्य स्थिति और तीव्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
⚖️ पृष्ठभूमि – क्यों ज़रूरी है यह दौरा?
3 मई 2023 को मणिपुर में मैतेयी और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी।
- मैतेयी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च हुआ।
- इसी दौरान हिंसा फैल गई और हालात बेकाबू हो गए।
- अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
🙏 उम्मीदों की किरण
लोगों को विश्वास है कि इस दौरे से:
- दोनों समुदायों के बीच विश्वास बहाली की प्रक्रिया तेज होगी।
- केंद्र सरकार की सक्रियता से स्थायी शांति का माहौल बनेगा।
- विकास कार्यों से युवाओं और स्थानीय जनता को रोज़गार और स्थिरता के नए अवसर मिलेंगे।