🧑⚖️ क्या है पूरा मामला?
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है।
- यह गिरफ्तारी शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) केस में हुई है।
- ED का आरोप है कि इस शराब घोटाले से करीब ₹2,100 करोड़ का आर्थिक नुकसान राज्य को हुआ और इससे चैतन्य बघेल को भी पैसा मिला।
- यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच कथित रूप से हुआ, जब राज्य में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे।
📆 गिरफ्तारी कब और कैसे हुई?
- चैतन्य के जन्मदिन पर ही, ED ने उनके भिलाई स्थित आवास पर छापा मारा।
- उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
- उनके पिता भूपेश बघेल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया।
🗣️ भूपेश बघेल का क्या कहना है?
- उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि यह जन्मदिन का “तोहफा” उन्हें ताउम्र याद रहेगा।
- उन्होंने इस कार्रवाई को अडाणी के मुद्दे से भी जोड़ दिया और कहा कि जिस दिन विधानसभा में अडाणी के पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाया जाना था, उसी दिन ED को उनके घर भेज दिया गया।
🧾 ED का आरोप क्या है?
- शराब घोटाले में राज्य की सरकारी शराब बिक्री प्रणाली का दुरुपयोग हुआ।
- इसमें कथित रूप से बड़े अफसर, मंत्री और कारोबारी शामिल हैं।
- पहले ही पूर्व मंत्री कवासी लखमा, आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, और रायपुर महापौर के भाई अनवर ढेबर जैसे बड़े नाम गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
📑 घोटाले की कानूनी स्थिति क्या है?
- पहले की गई एक FIR को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
- लेकिन फिर नए सबूतों के आधार पर एक और FIR दर्ज की गई।
- इस नई FIR में 70 लोगों और कंपनियों के नाम हैं, जिनमें कई बड़े नेता और अफसर शामिल हैं।
🎯 इस मामले का राजनीतिक महत्व क्या है?
- मामला सीधे पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार से जुड़ा है।
- इसे केंद्र बनाम विपक्ष (कांग्रेस) के राजनीतिक संघर्ष के रूप में भी देखा जा रहा है।
- भूपेश बघेल इसे लोकतंत्र और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं।