लखनऊ में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य, 1 सितंबर से बिना पंजीकरण नहीं चलेगा वाहन

उत्तर प्रदेश की राजधानी में सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण के लिए लखनऊ पुलिस ने एक ऐतिहासिक और सख्त कदम उठाया है। इसके तहत अब प्रोजेक्ट सेफ राइड के अंतर्गत ऑटो, ई-रिक्शा और टेंपो चालकों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई चालक इस प्रक्रिया से नहीं गुजरता है, तो 1 सितंबर 2025 से उसका वाहन सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं होगी।

यह व्यवस्था उन बढ़ती घटनाओं की प्रतिक्रिया है जिसमें ऑटो चालकों की आपराधिक संलिप्तता सामने आई थी, जैसे कि आलमबाग में महिला अपहरण और मलिहाबाद में युवती से दुष्कर्म जैसी गंभीर आपराधिक वारदातें। लखनऊ पुलिस ने इन घटनाओं से सबक लेते हुए यह ठोस कदम उठाया है।

🔍 क्या है ‘प्रोजेक्ट सेफ राइड’?

यह एक व्यापक सुरक्षा अभियान है जो लखनऊ के सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित, पारदर्शी और ट्रेसेबल बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। इस योजना के अंतर्गत:

  • सभी ऑटो, ई-रिक्शा और टेंपो चालकों और उनके मालिकों को एक पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा:
    🌐 www.lucknowpolice.up.gov.in/erickshaw
  • पंजीकरण के बाद हर वाहन को एक यूनिक QR कोड/बारकोड दिया जाएगा, जिसमें चालक, मालिक, वाहन नंबर, मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की पूरी जानकारी होगी।
  • यात्री इस QR कोड को स्कैन करके चालक की जानकारी देख सकेंगे और चाहें तो उसे अपने परिजनों के साथ साझा भी कर सकते हैं।

🚫 क्या होगा यदि वेरिफिकेशन नहीं कराया गया?

  • 31 अगस्त 2025 तक वेरिफिकेशन नहीं कराने वाले वाहन 1 सितंबर से लखनऊ में नहीं चल पाएंगे
  • ट्रैफिक पुलिस और थाने स्तर पर सक्रिय चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।

🧒 नाबालिग और आपराधिक रिकॉर्ड वाले चालकों पर रोक:

  • 18 वर्ष से कम आयु के चालकों को वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • जिन चालकों का आपराधिक रिकॉर्ड है या जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें भी सार्वजनिक परिवहन सेवा में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाएगा।

यह निर्णय विशेषकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

🧾 रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कैसे होगी?

  1. वेबसाइट पर लॉगइन करें:
    lucknowpolice.up.gov.in/erickshaw
  2. ड्राइवर और वाहन मालिक की जानकारी भरें।
  3. आधार कार्ड, लाइसेंस, वाहन पंजीकरण आदि दस्तावेज़ अपलोड करें।
  4. प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक यूनिक बारकोड मिलेगा, जिसे वाहन पर चस्पा करना अनिवार्य होगा।

👮‍♂️ पुलिस और RTO के डेटा का समन्वय:

  • यह पूरा सिस्टम RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) के डेटा से जोड़ा गया है ताकि चालक और वाहन की जानकारी को वास्तविक समय में वेरीफाई किया जा सके।
  • पुलिस के पास चालकों और वाहनों की पूरी सूची उपलब्ध रहेगी। किसी भी घटना की स्थिति में जांच और संदिग्ध की पहचान आसान हो जाएगी।

⚠️ क्यों उठाया गया यह कदम? – अपराध की पृष्ठभूमि

  • आलमबाग में महिला के अपहरण और
  • मलिहाबाद में युवती से दुष्कर्म व हत्या जैसी घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि

बिना वेरिफिकेशन और रेगुलेशन के चल रहे वाहन यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

इन्हीं घटनाओं के बाद लखनऊ पुलिस ने एक SOP (Standard Operating Procedure) तैयार किया है जो अब लागू हो रहा है।

📣 क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?

जॉइंट पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) बबलू कुमार ने बताया:

“हमारी पहली प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है, खासकर महिलाओं और बच्चों की। अब कोई भी अनवेरिफाइड वाहन लखनऊ की सड़कों पर नहीं दिखेगा।”

डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित ने यूनियनों और चालकों से अपील की कि वे समय रहते रजिस्ट्रेशन कराएं और कानून का पालन करें।

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