नई दिल्ली।
त्योहारों से पहले केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए GST स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया है। अब चार स्लैब की जगह सिर्फ दो स्लैब (5% और 18%) रह गए हैं। यानी 12% और 28% टैक्स खत्म कर दिए गए हैं। इसका सीधा असर रोजमर्रा की चीज़ों से लेकर कार-बाइक और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स तक पर पड़ेगा।
नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या उस दिन से ही ग्राहकों को सस्ता सामान मिलने लगेगा?
कौन-कौन से सामान होंगे सस्ते?
- खाने-पीने का सामान: तेल, दूध, मक्खन, घी, साबुन, शैंपू
- इलेक्ट्रॉनिक्स: टीवी, फ्रिज, एसी
- ऑटोमोबाइल्स: कार और बाइक
👉 यानी ज्यादातर घरेलू और बड़े उपभोक्ता उत्पादों पर टैक्स कम हो गया है।
दुकानदारों की परेशानी: पुराने स्टॉक का क्या होगा?
नोएडा के किराना दुकानदार तेजपाल सिंह ने कहा:
“हमारे पास पुराने रेट पर खरीदा हुआ स्टॉक भरा पड़ा है। अब अगर नई दरें लागू हो जाएंगी तो क्या हम नुकसान झेलकर ग्राहकों को बेचें? असली तस्वीर तो तभी साफ होगी जब नया माल बाजार में आएगा।”
- रिटेल दुकानदार बताते हैं कि वे माल थोड़ा-थोड़ा बेचते हैं, इसलिए तुरंत असर ग्राहकों को नहीं दिखेगा।
- नए टैक्स स्लैब का फायदा तभी मिलेगा, जब कंपनियां और थोक व्यापारी नई दरों पर बिलिंग करेंगे।
ग्राहकों पर असर कब दिखेगा?
- 22 सितंबर के बाद धीरे-धीरे असर बाजार में दिखेगा।
- पुराना स्टॉक खत्म होते ही नई दरों पर सामान बाजार में आएगा।
- बड़े प्रोडक्ट जैसे कार, बाइक, टीवी-फ्रिज पर राहत जल्दी दिख सकती है, क्योंकि ये कंपनियां नई इनवॉइसिंग तुरंत लागू कर देती हैं।
आगे क्या?
सरकार का दावा है कि इस फैसले से महंगाई पर नियंत्रण होगा और त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ेगी। लेकिन रिटेल दुकानदारों का कहना है कि पहले उन्हें पुराने स्टॉक पर नियम साफ होने चाहिए, वरना लाभ का फायदा सिर्फ कंपनियों और थोक बाजार को मिलेगा, न कि ग्राहकों को।
👉 22 सितंबर से बाजार में बदलाव शुरू होगा, लेकिन ग्राहकों को असली राहत तब मिलेगी जब पुराने रेट का स्टॉक पूरी तरह खत्म होगा।
