अमित शाह सितंबर में दो बार बिहार दौरे पर, पटना में भाजपा की चुनावी तैयारियों की समीक्षा और रणनीति बैठकें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस महीने दो बार बिहार दौरे पर आने वाले हैं। पटना में 18 और 27 सितंबर को शाह भाजपा नेताओं के साथ विशेष बैठक करेंगे, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति, उम्मीदवार चयन और चुनाव प्रचार योजनाओं पर विस्तार से चर्चा होगी। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का यह दौरा इस बार की चुनावी तैयारियों का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

शाह के दौरे से पहले 13 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पटना में कोर कमेटी की बैठक करेंगे। इस बैठक में पार्टी के प्रमुख मुद्दों, उम्मीदवार चयन और प्रचार अभियान पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा, 3 सितंबर को दिल्ली में बिहार बीजेपी की कोर कमिटी की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करने और पार्टी की चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई थी। अमित शाह के दौरे का मकसद इन तैयारियों की समीक्षा करना और पार्टी नेतृत्व को मार्गदर्शन देना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 15 सितंबर को बिहार दौरे पर आएंगे। पीएम मोदी पूर्णिया में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन, पटना मेट्रो का वर्चुअल लोकार्पण, दानापुर-जोगबनी वंदे भारत एक्सप्रेस और अन्य रेलवे तथा सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल है। मोदी का दौरा भाजपा और एनडीए के लिए चुनाव प्रचार को गति देने का भी एक माध्यम होगा।

अमित शाह के दौरे के दौरान पटना में विभिन्न जोन कमेटियों और प्रदेश नेताओं के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी। भाजपा ने बिहार को पांच जोन में बांटा है, और 18 सितंबर को शाह दो जोनों की कमेटियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत एनडीए के सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात की संभावना भी है। बैठकें उम्मीदवार चयन, चुनावी रणनीति और प्रचार अभियान को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से होंगी।

इस पूरे दौर को देखते हुए स्पष्ट है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी के साथ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पूरी तरह से तैयार है। अमित शाह और अन्य शीर्ष नेताओं के दौरे प्रदेश नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के साथ-साथ चुनावी समन्वय और रणनीति को और सशक्त बनाने का अवसर देंगे।