शिवकुमार और ABVP: कांग्रेस गृहमंत्री का विवादित राजनीतिक कार्यक्रम

कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची है, जब कांग्रेस गृहमंत्री जी परमेश्वर ने ABVP यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में भाग लिया। यह कदम राज्य की सियासत में चर्चा का विषय बन गया, खासकर ऐसे समय में जब राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार हाल ही में आरएसएस का गीत गाने के कारण विवादों में घिरे थे।

ABVP कार्यक्रम में गृहमंत्री का शामिल होना

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृहमंत्री जी परमेश्वर तुमकुरु जिले के तिपतुर में आयोजित ABVP के कार्यक्रम में पहुंचे। यह कार्यक्रम रानी अबक्क रथ यात्रा के अवसर पर आयोजित किया गया था, जो रानी अबक्क की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में था। ABVP ने इस कार्यक्रम में छात्रों और स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की थी।

गृहमंत्री के इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि ABVP भारतीय जनता पार्टी का छात्र संगठन है और कांग्रेस तथा भाजपा के बीच राज्य में लगातार राजनीतिक तनाव बना रहता है।

डीके शिवकुमार का RSS गीत विवाद

कुछ दिन पहले ही कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बीते महीने चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की घटना पर विधानसभा में चर्चा के दौरान आरएसएस की प्रार्थना ‘नमस्ते सदा वत्सले…’ की कुछ पंक्तियां पढ़ीं थीं। यह कदम राजनीतिक और सामाजिक रूप से विवादित साबित हुआ।

बाद में शिवकुमार ने माफी मांगी और स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कांग्रेस सहयोगियों ने इस घटना का दुरुपयोग कर भ्रम फैलाने की कोशिश की। शिवकुमार ने अपनी पार्टी और गांधी परिवार के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई और कहा कि उनका रिश्ता भगवान और भक्त जैसा है

पार्टी के भीतर उठे सवाल

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख शिवकुमार ने कहा कि अगर RSS गीत से किसी को ठेस पहुंची है, तो उन्हें खेद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह मरते दम तक कांग्रेसी हैं।

हालांकि, पार्टी के ही विधायक और निष्कासित कैबिनेट सदस्य एन राजन्ना ने सवाल उठाया कि शिवकुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस तरह के सवालों ने कांग्रेस के भीतर एक बार फिर राजनीतिक विवाद को हवा दे दी है।

निष्कर्ष

कर्नाटक में यह घटनाक्रम राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है। गृहमंत्री का ABVP कार्यक्रम में जाना और उपमुख्यमंत्री द्वारा RSS गीत गाना, दोनों ही कांग्रेस के सामाजिक आधार और राजनीतिक प्रतिरोध के लिए चुनौती पेश करते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजनीतिक बहस और चुनावी रणनीति में अहम भूमिका निभा सकता है।