उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस गैंग के तार दिल्ली, कोलकाता, राजस्थान और अन्य राज्यों तक फैले हुए हैं। पुलिस अब तक दर्जन भर आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें सबसे बड़ा नाम है अब्दुल रहमान कुरैशी उर्फ महेंद्र पाल जादौन।
अब्दुल रहमान खुद एक पूर्व हिंदू था, फिर ईसाई बना और बाद में मुस्लिम धर्म अपना लिया। धर्म बदलने के बाद उसने खुद को इस गैंग का मास्टरमाइंड बना लिया और दलित व कमजोर वर्ग की लड़कियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
🟡 दिल्ली से रेस्क्यू की गई लड़की का खुलासा:
पुलिस ने इस रैकेट के खिलाफ कार्रवाई के दौरान दिल्ली से एक दलित लड़की को रेस्क्यू किया जो मूल रूप से हरियाणा के रोहतक की रहने वाली है। इस लड़की ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए:
- शाहीन बाग में उसका ब्रेनवॉश किया गया।
- उसे प्रेमजाल में फंसाया गया और फिर धीरे-धीरे धर्म परिवर्तन के लिए मानसिक रूप से तैयार किया गया।
- निकाह कराने के लिए राजस्थान से काजी बुलाया गया, ताकि शादी को वैध दिखाया जा सके।
- यह सब अब्दुल रहमान और उसके साथियों की योजना थी।
🟠 आगरा की बहनों का मामला भी जुड़ा:
इस केस के साथ आगरा की दो बहनों का मामला भी जुड़ा हुआ है जिन्हें कोलकाता से रेस्क्यू किया गया। उन दोनों का भी धर्म परिवर्तन कर निकाह कराने की योजना बनाई जा रही थी। इस बात की पुष्टि खुद एसबी कृष्णा उर्फ आयशा नामक एक महिला ने की जो पहले इस गैंग से जुड़ी थी।
उसने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन के लिए अब्दुल रहमान मुस्तफाबाद, दिल्ली से फंडिंग करता था।
🔵 गैंग के मास्टरमाइंड की पृष्ठभूमि:
- अब्दुल रहमान कुरैशी का असली नाम महेंद्र पाल जादौन था।
- वह फिरोजाबाद, यूपी का रहने वाला है।
- पहले वह ईसाई बना और फिर मुस्लिम धर्म में कन्वर्ट हुआ।
- उसके पास से धर्म परिवर्तन से जुड़ी किताबें, विदेशी फंडिंग और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
- अब NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) भी इस केस में शामिल हो गई है क्योंकि इसके विदेशी फंडिंग और आतंकी कनेक्शन होने की आशंका जताई जा रही है।
🟢 पुलिस और NIA की जांच:
- NIA की टीम ने आगरा में कई घंटों तक पूछताछ की।
- बैंक खातों, कॉल डिटेल्स, और विदेशी ट्रांजैक्शन की जांच हो रही है।
- अब इस मामले में आतंकी नेटवर्क के तार भी तलाशे जा रहे हैं।
- पीड़िता का मेडिकल, कोर्ट बयान और काउंसलिंग कराई जा रही है।
❗ इस केस की गंभीरता क्यों है?
- यह मामला मासूम लड़कियों के मानसिक शोषण और जबरन धर्म परिवर्तन से जुड़ा है।
- देश की राजधानी दिल्ली और अन्य राज्यों में सक्रिय नेटवर्क यह दिखाता है कि मामला स्थानीय नहीं, राष्ट्रीय स्तर का षड्यंत्र है।
- पीड़ित लड़कियां दलित और कमजोर वर्ग से हैं, जिन्हें सुनियोजित रूप से निशाना बनाया गया।
- शाहीन बाग जैसे संवेदनशील इलाके से ब्रेनवॉश होना देश की सामाजिक स्थिति पर सवाल खड़ा करता है।