पुरानी गाड़ियों पर लगे बैन को हटाने की दिल्ली सरकार की सुप्रीम कोर्ट में मांग

दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर लागू प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार एक बार फिर सक्रिय हो गई है। इस बार सरकार सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंची है और 2018 के आदेश पर पुनर्विचार की अपील की है।

⚖️ क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर 2018 को एक आदेश में निर्देश दिया था कि:

  • 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन
  • 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन

दिल्ली-एनसीआर में नहीं चलाए जाएंगे, चाहे वे फिटनेस पास क्यों न हों।

अब दिल्ली सरकार ने इस आदेश को वैज्ञानिक आधार विहीन बताते हुए कोर्ट से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

📑 दिल्ली सरकार के तर्क क्या हैं?

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अपने आवेदन में निम्नलिखित दलीलें दी हैं:

  1. 🧪 2018 का आदेश किसी वैज्ञानिक अध्ययन या पर्यावरणीय मूल्यांकन पर आधारित नहीं था।
  2. 🌱 अब दिल्ली में BS-VI मानकों और PUC प्रमाणपत्र जैसी कड़ी प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थाएं लागू हैं।
  3. 🚗 BS-VI वाहन आधुनिक तकनीक से लैस हैं और पहले की तुलना में बहुत कम प्रदूषण फैलाते हैं।
  4. 🧾 अगर 2018 का आदेश जारी रहता है, तो सड़क पर फिट और प्रदूषण रहित गाड़ियां भी नियमों के आधार पर हटाई जाएंगी — जो अवैज्ञानिक होगा।
  5. दिल्ली सरकार ने साफ ईंधन, इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य पर्यावरणीय उपायों को भी बढ़ावा दिया है।

📉 बैन से कौन प्रभावित हो रहा है?

  • वे लोग जिन्होंने हाल में BS-VI गाड़ियां खरीदीं लेकिन अब उनकी वैधता कुछ ही वर्षों की बची है।
  • मध्यम वर्ग, जिनके पास पुरानी लेकिन फिट गाड़ियां हैं।
  • स्मॉल बिज़नेस और टैक्सी ड्राइवर, जिनकी रोज़ी-रोटी इन्हीं गाड़ियों से जुड़ी है।

🟠 प्रदूषण बनाम आजीविका — कहां खड़ी है दिल्ली?

यह मामला सिर्फ वाहनों का नहीं, प्रदूषण नियंत्रण और आम आदमी की आजीविका के संतुलन का है।
दिल्ली सरकार का दावा है कि तकनीक के उन्नयन के चलते अब “उम्र के आधार पर बैन” की नीति तर्कसंगत नहीं रही।

🧭 अब आगे क्या?

  • सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या रुख अपनाता है — यह आने वाले समय में दिल्ली-एनसीआर के लाखों वाहन मालिकों के लिए निर्णायक साबित होगा।
  • यदि आदेश में संशोधन होता है, तो पुराने लेकिन प्रदूषण-मुक्त वाहनों को सड़कों पर फिर से चलने की मंज़ूरी मिल सकती है।