मेरठ। ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने और वर्क आर्डर संबंधी मामलों की जांच में दोषी पाए जाने पर पश्चिमांचल डिस्कॉम की प्रबन्ध निदेशिका ईशा दुहन ने सोमवार को कड़ी कारवाई करते हुए लापरवाही उजागर होने पर न सिर्फ अधिशासी अभियन्ता अमित कुमार पाल को निलंबित कर दिया, बल्कि वहीं पावर ट्रांसफार्मर को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए जरुरी प्रोटेक्शन और रख-रखाव में लापरवाही बरतने पर सहायक अभियन्ता विशाल सिंह और सतीश चन्द्र चौधरी अवर अभियन्ता को चार्जशीट भी दे दी गई।
दरअसल पावर कारर्पोशन की ओर से सख्त निर्देश दिये गये हैं कि ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने पर संबंधित अधिकारियों की जवाब देही सुनिश्चित की जाये. ट्रांसफार्मरों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए पूर्व में परिर्वतक अनुरक्षण अभियान चलाया गया था. विभाग के विशेषज्ञों की माने तो आवश्यक प्रोटेक्शन के अभाव में पावर परिवर्तक क्षतिग्रस्त होते हैं. इसके लिये अनुरक्षण अभियान में परिवर्तकों का स्थलीय निरीक्षण, ट्रांसफार्मरों की प्री-मेन्टीनेन्स, अर्थिग, बैलेसिंग, आदि की जांच करा कर दूर कराने के निर्देश भी दिये गये थे ताकि परिवर्तक की क्षतिग्रस्तता को न्यूनतम किया जा सके।
प्रबंध निदेशक के अनुसार सभी विद्युत उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने के लिये डिस्कॉम प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर की क्षतिग्रस्तता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। 14 जिलों में किसी गांव या शहरी क्षेत्र का ट्रांसफार्मर खराब होता है तो उपभोक्ता नजदीकी विद्युत केन्द्र या फिर विद्युत हेल्प लाईन नंबर 1912 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिसके बाद शहरी क्षेत्र में 24 घंटे और ग्रामीण में 48 घंटों में विद्युत कार्यशाला की टीम की ओर से ट्रांसफार्मर बदल दिया जाता है।
बता दें कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकार क्षेत्र में बिजनौर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बागपत, रामपुर, ज्योतिबाफुलेनगर, संभल, शामली, गाजियाबाद, हापुड़ और गौतमबुद्ध नगर जनपद आते हैं।