अडानी पावर लिमिटेड (Adani Power) ने शनिवार को घोषणा की कि कंपनी ने भूटान की सरकारी कंपनी Druk Green Power Corporation (DGPC) के साथ एक 570 मेगावाट हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए समझौता किया है। इस प्रोजेक्ट में करीब ₹6000 करोड़ का निवेश होगा।
इस बड़ी डील की खबर के बाद सोमवार को कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई। शेयर इंट्रा-डे में 6% उछलकर ₹649.20 तक पहुंच गया। हालांकि इसके बाद कुछ मुनाफावसूली भी देखने को मिली।
🤝 कैसे हुआ समझौता?
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समझौते पर हस्ताक्षर भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की मौजूदगी में हुए।
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प्रोजेक्ट BOOT मॉडल (Build, Own, Operate, Transfer) पर बनाया जाएगा।
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इस प्रोजेक्ट के तहत बिजली खरीद समझौता (PPA) और कंसेशन एग्रीमेंट साइन किए गए।
⚡ प्रोजेक्ट की डिटेल्स
- वांगछू हाइड्रो प्रोजेक्ट एक “पीकिंग रन-ऑफ-रिवर” परियोजना होगी।
- लागत: करीब ₹6000 करोड़।
- कंस्ट्रक्शन शुरू: 2026 की पहली छमाही तक।
- पूरा होने का लक्ष्य: शिलान्यास के 5 साल के भीतर।
🌍 लाभ क्या होंगे?
- भूटान: यह प्रोजेक्ट वहां की सर्दियों में बिजली की चरम मांग को पूरा करेगा।
- भारत: गर्मियों में अतिरिक्त बिजली भारत को निर्यात की जाएगी।
- ग्रीन एनर्जी: अडानी पावर के नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में यह हाइड्रो प्रोजेक्ट अहम योगदान देगा।
📈 शेयर मार्केट पर असर
- डील की खबर से निवेशकों का उत्साह बढ़ा और अडानी पावर का शेयर 6% तक चढ़ा।
- बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट कंपनी की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्टोरी को मजबूत करेगा।
- इसके साथ ही अडानी ग्रुप की क्लीन एनर्जी और इंटरनेशनल एक्सपैंशन स्ट्रैटेजी को भी बल मिलेगा।
✅ निष्कर्ष:
अडानी पावर का यह भूटान प्रोजेक्ट भारत-भूटान ऊर्जा सहयोग का एक नया अध्याय खोल सकता है। कंपनी की वित्तीय स्थिति और ग्रीन एनर्जी के प्रति बढ़ते फोकस को देखते हुए, यह डील शेयरहोल्डर्स के लिए लॉन्ग टर्म में बड़ी जीत साबित हो सकती है।