उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच हुई तीखी नोकझोंक ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। यह बहस जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (Disha Committee) की बैठक के दौरान हुई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
📌 मीटिंग में कैसे भड़के हालात?
- राहुल गांधी रायबरेली दौरे पर थे (10-11 सितंबर)।
- वे जिला विकास समिति की मीटिंग चेयर कर रहे थे।
- इसी दौरान उनके बगल में बैठे मंत्री दिनेश प्रताप सिंह से बहस शुरू हो गई।
राहुल गांधी का कहना था:
👉 “मीटिंग मैं चेयर कर रहा हूं। अगर आपको कुछ कहना है तो पहले पूछिए, फिर मैं बोलने का मौका दूंगा।”
इस पर मंत्री भड़क उठे और बोले:
👉 “आप अध्यक्ष जरूर हैं, लेकिन मैं आपकी हर बात मानने के लिए बाध्य नहीं हूं। आप तो खुद स्पीकर की बात भी नहीं मानते।”
इसके बाद मीटिंग का माहौल अचानक गर्मा गया और दोनों नेताओं में तीखी बहस शुरू हो गई।
👥 कौन-कौन थे मौजूद?
- अमेठी के सांसद के.एल. शर्मा भी बैठक में मौजूद थे।
- वे भी राहुल गांधी के पक्ष में बहस करते नजर आए।
- अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधि इस झड़प को देखकर हैरान रह गए।
⚡ पृष्ठभूमि: क्यों अहम है यह टकराव?
- बैठक में दिशा समिति के कार्यक्षेत्र को लेकर चर्चा हो रही थी।
- राहुल गांधी ने एक मुद्दे पर सवाल उठाया कि “मुझसे पहले क्यों नहीं पूछा गया?”
- इसी बात पर दिनेश प्रताप सिंह ने आपत्ति जताई और बहस भड़क उठी।
🏛️ दिनेश प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर
- 2018 तक कांग्रेस में थे, फिर BJP जॉइन की।
- दो बार (2010, 2016) यूपी विधान परिषद सदस्य चुने गए।
- 2019 लोकसभा चुनाव: सोनिया गांधी के खिलाफ लड़े, लेकिन हार गए।
- 2024 लोकसभा चुनाव: रायबरेली से राहुल गांधी के खिलाफ लड़े, फिर हार मिली।
🔎 क्यों मायने रखता है यह विवाद?
राहुल गांधी रायबरेली से सांसद चुने जाने के बाद लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। वहीं, दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी के स्थानीय चेहरे हैं। ऐसे में दोनों के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा पहले से मौजूद है। यह बहस सिर्फ एक मीटिंग का विवाद नहीं, बल्कि रायबरेली की सियासत में बढ़ती तनातनी का संकेत भी है।