मेरठ के परतापुर विद्युत वितरण खंड में तैनात जूनियर इंजीनियर (जेई) मोहन सिंह एक घूसखोरी मामले में बुरी तरह फंस गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ अवैध बिजली कनेक्शन दिए, बल्कि रिश्वत लेकर बिजली चोरी के मामले को दबाने की कोशिश भी की। यह सब तब उजागर हुआ जब उनकी हरकतें कैमरे में कैद हो गईं और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
🔌 पहला आरोप: अवैध कनेक्शन के लिए रिश्वत
सूत्रों के अनुसार, जेई मोहन सिंह ने 120 मीटर केबल का उपयोग करके बिना किसी एस्टिमेट के अवैध बिजली कनेक्शन दिया। इसके बाद बाकी हिस्से को भी घूस लेकर जोड़ दिया गया। यह बिजली चोरी विभाग की जानकारी में नहीं आ रही थी — क्योंकि इसके पीछे घूस का खेल चल रहा था।
💰 दूसरा आरोप: बिजली चोरी पकड़ी गई, फिर भी मामला दबा
एक चेकिंग के दौरान बिजली चोरी पकड़ी गई थी। लेकिन जेई ने ₹50,000 लेकर FIR और असेसमेंट नहीं बनने दिया।
- मौके पर ₹30,000 की वसूली
- बाकी ₹20,000 की राशि लेते हुए वे कैमरे में कैद हो गए
📹 वीडियो वायरल और चायवाले पर अत्याचार
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने पर मोहन सिंह ने विवाद को दबाने के लिए और भी हथकंडे अपनाए।
चायवाले — जो बिजली चोरी के आरोप में घिरा था — से दुकान खाली करा दी गई, और उसे धमकाते हुए मारपीट तक की गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मोहन सिंह की पुरानी आदत है — “जहां चोरी, वहां घूस और मामले को दबाने का खेल।”
इन आरोपों से विभाग को लाखों रुपये का नुकसान होने की आशंका है।
💥 कार्रवाई और विभागीय प्रतिक्रिया
जैसे ही वीडियो सामने आया, यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के एमडी कार्यालय ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए।
- जेई मोहन सिंह को निलंबित कर दिया गया
- उनका चार्ज दूसरे जेई को सौंपा गया
- उन्हें पल्लवपुरम मंडल में अटैच कर दिया गया — यानी बिना पावर के स्थानांतरित कर दिया गया
यह मामला एक अलग घटना नहीं बल्कि विद्युत विभाग में फैले भ्रष्टाचार की तस्वीर पेश करता है। “यूपीपीसीएल मीडिया” जैसे प्लेटफ़ॉर्म ऐसे ही मुद्दों को उठाकर आम जनता और विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाने का काम करते हैं ताकि बिजली व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।
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