▶️ कहां से शुरू हुआ मामला?
- वर्ष 2019 में, जब महिला के पति का देहांत हो गया, उसी दौरान मुकुल यादव नाम का युवक बदायूं में उसके घर किराए पर रहने आया।
- मुकुल ने खुद को कुंवारा बताया, और धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ीं।
- महिला के अनुसार, मुकुल ने शादी का वादा किया और फिर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगा।
- छह साल तक महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए।
⛪ मंदिर में हुई थी शादी – महिला का दावा:
- जब महिला ने शादी का दबाव बनाया, तो मुकुल यादव ने लखनऊ के एक मंदिर में विवाह किया।
- महिला ने दावा किया है कि शादी की तस्वीरें भी उसके पास हैं।
💔 दूसरी शादी का आरोप:
- महिला को कुछ समय बाद पता चला कि मुकुल यादव ने बरेली की एक अन्य महिला से चुपचाप शादी कर ली है।
- जब महिला ने विरोध किया, तो मुकुल ने उसे और उसके परिवार को धमकियां देना शुरू कर दिया।
🏨 छल-कपट की कहानी:
- महिला के अनुसार मुकुल उसे लखनऊ, नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार और देहरादून जैसे शहरों में घुमाता रहा।
- 18 जुलाई को, मुकुल ने उसे लखनऊ बुलाया, होटल में ले जाकर उसके मोबाइल से सभी फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए।
- जब महिला ने सवाल किए, तो उसे होटल से निकाल दिया।
📝 शिकायत और प्रशासनिक हलचल:
- पीड़िता ने एमडी मध्यांचल निगम को लिखित शिकायत दी है।
- मामला महिला उत्पीड़न, शादी का झांसा, और धोखाधड़ी जैसे आरोपों से जुड़ा होने के कारण लेसा मुख्यालय में हड़कंप मच गया है।
- अधिकारी इस मामले को गंभीरता से जांचने में लगे हैं।
👨💼 जेई मुकुल यादव का पक्ष:
- मुकुल यादव ने सभी आरोपों को झूठा, फर्जी और ब्लैकमेलिंग की साजिश बताया है।
- उसका कहना है कि महिला झूठे वीडियो और फोटो के सहारे उसे बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
- उसने यह भी कहा कि उसे शिकायत की जानकारी तक नहीं है।
⚖️ मामले की संवेदनशीलता:
यह प्रकरण सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद नहीं है, बल्कि:
- नौकरी में उच्च पद पर कार्यरत व्यक्ति की नैतिकता पर सवाल है।
- महिला की गरिमा, न्याय और सुरक्षा का मुद्दा है।
- सरकारी संस्थाओं की जवाबदेही का विषय भी बनता है।
🧭 क्या हो आगे का रास्ता?
- विवेचना निष्पक्ष और गहराई से होनी चाहिए।
- यदि महिला के आरोप सही साबित होते हैं, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
- अगर आरोप झूठे निकलते हैं, तो ब्लैकमेलिंग के लिए महिला पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
- मध्यांचल निगम को अपने कर्मचारियों के खिलाफ ऐसे मामलों में आंतरिक जांच समिति गठित करनी चाहिए।