छांगुर बाबा की साजिश बेनकाब: नेपाल सीमा पर 46 गांवों में फैलाने वाला था इस्लामिक नेटवर्क, ATS को मिले पक्के सबूत
🔍 10 करोड़ की फंडिंग, जिहादी मानसिकता, सरकारी जमीनों पर कब्जा…
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में गिरफ्तार छांगुर बाबा को लेकर एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ATS की रिमांड में पूछताछ के दौरान अब सामने आया है कि वह नेपाल बॉर्डर से सटे गांवों में अवैध धर्मांतरण और इस्लामिक मूवमेंट फैलाने की सुनियोजित साजिश में जुटा था।
📌 मुख्य खुलासे:
📍 46 गांवों के युवाओं पर नजर
- छांगुर ने एक खास टीम बनाई थी, जो नेपाल सीमा से लगे गांवों के युवाओं को टारगेट कर रही थी।
- युवाओं को कट्टर सोच, जिहादी विचारधारा और आर्थिक लालच से प्रभावित करने का प्रयास।
💰 10 करोड़ की विदेशी फंडिंग
- ATS के अनुसार, छांगुर को विदेशों से मोटी रकम मिल रही थी।
- इस रकम से जलसे, प्रचार सामग्री, परचे और कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे।
- 2020 के बाद उसकी आर्थिक स्थिति अचानक मजबूत हो गई।
🛻 बाइक से लग्जरी गाड़ियों तक का सफर
- 2015 तक साधारण अंगूठी और नग बेचने वाला छांगुर, अब लग्जरी गाड़ियों में घूमता था।
- उसके करीबी साथियों की संपत्ति भी तेजी से बढ़ी।
🏠 सरकारी जमीनों पर कब्जा:
- उतरौला क्षेत्र के तालाब, चरागाह, खलिहान की जमीनें कब्जाने की साजिश।
- तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत से तालाब की जमीन अपने नाम करा ली।
- एक करोड़ रुपये में जमीन बेच भी दी गई।
- प्रशासन ने एक कोठी को गिरा दिया, दूसरी पर कार्रवाई बाकी है।
- 🧾 कब और कैसे शुरू हुई कार्रवाई?
- अगस्त 2024: छांगुर पर FIR दर्ज की गई।
- अप्रैल 2025: उसके बेटे नवीन रोहरा की गिरफ्तारी के बाद नेटवर्क ढहना शुरू।
- जुलाई 2025: ATS ने छांगुर को कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू की।
- फिलहाल दो दिन की रिमांड बची है, ATS को और बड़े खुलासों की उम्मीद।
👥 18 अन्य आरोपी भी नेटवर्क में शामिल
- छांगुर के नेटवर्क में 18 सहयोगी भी शामिल हैं।
- ATS अब इनसे भी पूछताछ की तैयारी में है।