प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में कृषि और ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए 51,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को मंजूरी दी गई है। यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और किसानों के जीवन को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।
✅ 1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – 24,000 करोड़ का वार्षिक खर्च
सरकार ने “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को 2025-26 से लागू करने का फैसला किया है। यह योजना 6 वर्षों तक चलेगी और इसका लक्ष्य 100 कृषि जिलों का समग्र विकास करना है।
यह योजना मुख्यतः निम्न बिंदुओं पर केंद्रित होगी:
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि
- फसल विविधीकरण (Crop Diversification)
- टिकाऊ और स्मार्ट कृषि पद्धतियों को बढ़ावा
- ब्लॉक और पंचायत स्तर पर भंडारण की व्यवस्था
- सिंचाई ढांचे को मजबूत बनाना
इस योजना में 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को समन्वय के जरिए जोड़ा जाएगा और राज्य सरकारों तथा निजी भागीदारी को भी शामिल किया जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ होगा।
✅ 2. रिन्यूएबल एनर्जी को मिलेगा बूस्ट – 27,000 करोड़ का निवेश
सरकार ने ग्रीन एनर्जी मिशन को मजबूती देने के लिए दो प्रमुख सार्वजनिक कंपनियों को भारी निवेश की मंजूरी दी है:
🔹 एनटीपीसी लिमिटेड को 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निवेश अनुमति दी गई है। यह निवेश उसकी सहायक कंपनी NTPC Green Energy Ltd (NGEL) के माध्यम से होगा। इसका उद्देश्य है:
- 2032 तक 60 GW रिन्यूएबल कैपेसिटी हासिल करना
- हरित ऊर्जा लक्ष्य को तेजी से प्राप्त करना
🔹 एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को भी 7,000 करोड़ रुपये निवेश की छूट दी गई है, जो कि NLC इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) के माध्यम से रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स पर खर्च होगा।
📌 क्या है खास – जनता के लिए मायने क्या हैं?
- किसानों को बेहतर सिंचाई और भंडारण सुविधाएं मिलेंगी
- ज्यादा उत्पादन और आय में बढ़ोतरी होगी
- ग्रामीण क्षेत्रों में हरित ऊर्जा से रोजगार के नए अवसर
- पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस पहल