बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी भारी हंगामे और तीखी बहस का गवाह बना। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तल्खी उस समय अपने चरम पर पहुंच गई जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने सदन में कहा – “यह सदन किसी के बाप का नहीं है।” इस टिप्पणी ने सदन में आग लगा दी और सत्ता पक्ष के विधायक भड़क उठे।
🔴 कैसे शुरू हुआ हंगामा?
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में मतदाता पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे। उनके आरोपों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सफाई देना शुरू किया। तभी उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने हस्तक्षेप किया, जिस पर भाई वीरेंद्र ने प्रतिक्रिया में वह विवादित टिप्पणी कर दी –
“यह सदन किसी के बाप की बपौती नहीं है।”
यह बात सुनते ही सत्ता पक्ष के लगभग सभी विधायक अपनी सीट से खड़े हो गए और जोरदार विरोध शुरू कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
🗣️ भाई वीरेंद्र: “माफी नहीं मांगूंगा”
सदन से बाहर निकलने के बाद भाई वीरेंद्र ने बयान में कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही, उनका मतलब था कि सदन सबका है, किसी एक का नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया:
“यह भाषा असंसदीय नहीं है। मैं माफी नहीं मांगूंगा। उल्टा सत्ता पक्ष के विधायकों ने मुझे गंदी गालियां दीं।”
🟠 सत्ता पक्ष की मांग: माफी जरूरी है
मंत्री प्रेम कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि RJD विधायक को अपने शब्दों पर माफी मांगनी चाहिए। लेकिन विपक्षी विधायक अड़े रहे और माफी मांगने से इनकार करते हुए और अधिक शोर-शराबा करने लगे।
⚡ तेजस्वी यादव vs सरकार: मतदाता पुनरीक्षण पर उठा सवाल
तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
“बिहार में वोट का मतलब है छोटे का राज। चुनाव आयोग पारदर्शिता से काम नहीं कर रहा। गरीबों के पास कागजात नहीं हैं और घुसपैठ का बहाना बनाकर नाम काटे जा रहे हैं।”
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष “नेपाली” और “बांग्लादेशी” जैसे शब्दों का उपयोग कर माहौल बिगाड़ रहा है।
🟡 सीएम नीतीश कुमार का करारा जवाब
तेजस्वी यादव के आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे जवाब दिया। उन्होंने कहा:
“जब तुम छोटे थे, तब तुम्हारे पिता और मां मुख्यमंत्री रहे। हमने 20 वर्षों में काम करके दिखाया है। अब जो बातें तुम कर रहे हो, वह बचकाना है।”
नीतीश ने आगे कहा:
“तुम बच्चा ना हो… हमने महिलाओं, मुसलमानों, गरीबों के लिए जो काम किए हैं, वह पहले कभी नहीं हुआ। पहले पटना में शाम को कोई घर से निकलता भी नहीं था। हमने बिहार को सुरक्षित और मजबूत बनाया।”
📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- RJD विधायक भाई वीरेंद्र ने सदन में कहा: “यह सदन किसी के बाप का नहीं है।”
- सत्ता पक्ष भड़का, कार्यवाही स्थगित हुई।
- भाई वीरेंद्र ने माफी से इनकार किया।
- तेजस्वी यादव ने मतदाता पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग और सरकार को घेरा।
- CM नीतीश ने तेजस्वी को “बच्चा ना हो” कहकर फटकारा।
🔚 निष्कर्ष:
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र मुद्दों से ज्यादा विवादों के लिए सुर्खियों में है। RJD और NDA के बीच सियासी तकरार चरम पर है। एक ओर जहां तेजस्वी यादव चुनावी प्रक्रिया को लेकर सरकार पर हमला कर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुभव और उपलब्धियों का हवाला देकर विपक्ष को जवाब दे रहे हैं।
आने वाले चुनावों से पहले ये तीखी बहसें यह साफ कर रही हैं कि बिहार की राजनीति में अब शब्दों की जंग और तेज़ होगी।