📍स्थान: शक्ति भवन, लखनऊ
🔴 पूरा मामला विस्तार से:
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा बुधवार को लखनऊ स्थित शक्ति भवन में बिजली विभाग की एक अहम समीक्षा बैठक में पहुँचे। बैठक की शुरुआत महज कुछ ही मिनटों में तनावपूर्ण हो गई जब मंत्री ने अधिकारियों की रिपोर्ट और रवैये पर सवाल उठाते हुए खुलकर नाराज़गी जताई।
⚡ मंत्री की तीखी टिप्पणियाँ:
- “मैं बकवास सुनने नहीं आया हूं!”
यह मंत्री का पहला सख्त वाक्य था जो बैठक के माहौल को तुरंत गंभीर बना गया। उन्होंने कहा कि अधिकारी जमीनी हकीकत से पूरी तरह कटे हुए हैं। - “आप लोग अंधे, बहरे होकर बैठे हो।”
मंत्री ने यह कहकर इशारा किया कि विभाग के अफसर जनता की पीड़ा को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। - “जनता को फेस कीजिए तब मालूम पड़ेगा।”
यानी मंत्री का सीधा मतलब था कि ज़मीनी हकीकत का सामना करें, सिर्फ ऑफिस में बैठकर रिपोर्ट पढ़ने से काम नहीं चलेगा। - “आपका काम पुलिस से भी खराब है!”
उन्होंने ये बात इसलिए कही क्योंकि अधिकारी झूठी रिपोर्टों के आधार पर काम कर रहे हैं, और सही समस्याएं उच्च स्तर तक नहीं पहुँच रही हैं।
🧾 बिजली विभाग को बताया ‘बनिए की दुकान’ नहीं:
मंत्री ने कहा,
“बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं है कि सिर्फ बिल वसूलो और सेवा से मतलब न हो।”
यह बयान विभाग की सोच और कामकाज के तरीके पर बड़ा तंज था। उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं ने समय पर बिल भरा है, उनकी बिजली भी काट देना बिल्कुल अन्याय है।
💵 भ्रष्टाचार और गलत बिलिंग पर भी भड़के मंत्री:
- फर्जी एफआईआर और रिश्वतखोरी:
मंत्री ने आरोप लगाया कि विजिलेंस की छापेमारी गलत जगहों पर की जा रही है, और एफआईआर के नाम पर रिश्वत वसूली हो रही है। - झूठी रिपोर्टिंग:
उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी नीचे से झूठी रिपोर्ट बनाकर ऊपर भेजते हैं, जिससे असली समस्याएं दब जाती हैं।
👨⚖️ कड़ी चेतावनी:
“मैं बोल-बोलकर थक गया हूं, अब कार्रवाई होगी!”
मंत्री ने दो टूक कहा कि अब बातों का दौर खत्म हो गया है। जो अधिकारी फील्ड में नहीं जाएंगे, जनता की शिकायतें अनदेखी करेंगे, उन पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।