लखनऊ समिट बिल्डिंग में गोलीबारी और बवाल: CCTV में कैद हंगामा, SHO-चौकी इंचार्ज सस्पेंड

लखनऊ के विभूति खंड स्थित समिट बिल्डिंग में 30 अगस्त की आधी रात जमकर बवाल हुआ। दो अलग-अलग बार और क्लबों में महज 2 घंटे के भीतर गोलीबारी और मारपीट की घटनाएं हुईं। इसमें बार मैनेजर पर पिस्टल तानी गई, दो राउंड फायरिंग हुई और कुर्सियां फेंक-फेंककर लोगों को मारा गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सामने आया है, जिससे हड़कंप मच गया।

SHO और चौकी इंचार्ज पर गिरी गाज

घटनाओं पर पुलिस की लापरवाही उजागर होने के बाद विभूति खंड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह और समिट बिल्डिंग चौकी इंचार्ज सूर्यसेन कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है। वहीं विभूति खंड थाने की कमान हसनगंज इंस्पेक्टर अमर सिंह को सौंपी गई है।

पहला केस: टिक्कल पिंक क्लब में गोलीबारी

रौनक सिंह नामक युवक ने शिकायत दर्ज कराई कि 30 अगस्त की रात 1:30 बजे वह दोस्तों के साथ टिक्कल पिंक क्लब गया था। यहां शिव और कैफ नामक युवक अपने साथियों के साथ शराब के नशे में गाली-गलौज कर रहे थे। विरोध करने पर आरोपियों ने मारपीट शुरू कर दी। क्लब से बाहर निकलने पर आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से गोली चलाई और धमकी देकर फरार हो गए। पीड़ित ने दावा किया कि पूरी वारदात क्लब के CCTV में कैद है।

दूसरा केस: द हाइप रूम बार मैनेजर पर हमला

इसी रात “द हाइप रूम” बार के PR मैनेजर मो. हम्जा खान पर हमला हुआ। उनकी शिकायत के मुताबिक, अजीत पांडेय, प्रथम शर्मा, सौरभ शुक्ला और राज ने बार में झगड़ा किया और बाहर निकलते वक्त साइबर हाइट्स के पास उनकी गाड़ी रोक ली। हमलावरों ने पिस्टल से शीशा तोड़ा और पिस्टल की बट से उनके सिर पर हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया। बेहोश होने के बाद हमलावर उन्हें मरा समझकर भाग गए।

पुलिस की लापरवाही पर सवाल

दोनों घटनाओं में पीड़ितों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की। पहले केस में गोली चलने के बावजूद तत्काल गिरफ्तारी नहीं हुई। दूसरे केस में शिकायत को हल्के में लिया गया। नतीजतन हिंसा और बढ़ी।

पुलिस कमिश्नर की सख्ती

लखनऊ पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सागर ने कहा कि थानों और चौकियों पर बैठे अधिकारियों की पहली जिम्मेदारी अपराध पर सख्ती से नियंत्रण करना है। इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।