नितिन गडकरी का रोड सेफ्टी विजन: 2030 तक सड़क हादसों और मौतों को जीरो करने का लक्ष्य

देश में सड़क सुरक्षा को लेकर लंबे समय से चिंता जताई जा रही है। सड़क हादसों के आंकड़े हर साल लाखों लोगों की जान ले लेते हैं। ऐसे में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बुधवार रात एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों की संख्या शून्य तक लाई जाए।

सड़क हादसों पर गहरी चिंता

नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें देशभर में हो रही सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की बढ़ती संख्या पर गहरा दुख है। उन्होंने साफ कहा कि सड़क हादसे केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि हर एक मौत के पीछे एक परिवार का बिखरना और समाज पर बोझ बढ़ना है।

नई मुहिम और सम्मान समारोह

कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने सड़क सुरक्षा को लेकर नई कैंपेन और जागरूकता अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग को इसमें सक्रिय योगदान देना होगा।
इसी कड़ी में, उन्होंने उन लोगों को भी सम्मानित किया जिन्होंने सड़क पर हादसों के दौरान घायलों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। गडकरी ने कहा कि यह सम्मान “गुड समैरिटन” यानी मददगार नागरिकों के साहस और मानवीय संवेदना का प्रतीक है।

सरकार की रणनीति

गडकरी ने सड़क सुरक्षा को बेहतर करने के लिए कई अहम कदमों की जानकारी दी—

  • सड़क इंजीनियरिंग में सुधार – खतरनाक ब्लैक स्पॉट को हटाने और हाईवे डिज़ाइन को सुरक्षित बनाने पर काम।
  • सख्त कानून और प्रवर्तन – ओवरस्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना और बिना हेलमेट/सीटबेल्ट जैसे नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई।
  • जागरूकता अभियान – लोगों को यातायात नियमों और सुरक्षा उपायों का पालन करने के लिए प्रेरित करना।
  • तकनीकी समाधान – नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, जैसे इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम और आधुनिक सिग्नलिंग।

2030 तक का लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका स्पष्ट विजन है कि 2030 तक भारत में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें शून्य हो जाएं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह लक्ष्य सरकार, समाज और आम जनता की सामूहिक जिम्मेदारी से ही संभव होगा।

निष्कर्ष

गडकरी का यह बयान न सिर्फ एक रोडमैप है बल्कि देश के लिए एक चुनौतीपूर्ण संकल्प भी है। भारत उन देशों की सूची में शामिल होना चाहता है जहां सड़क सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। अब देखना होगा कि आने वाले वर्षों में सरकार की नीतियां और जनता का सहयोग किस हद तक इस लक्ष्य को पूरा करने में मददगार साबित होते हैं।