रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र के पत्थलकुदवा स्थित न्यू तबारक लॉज से गिरफ्तार हुआ ISIS का संदिग्ध आतंकी अशरफ दानिश धीरे-धीरे अपनी असलियत उजागर कर रहा है। दानिश खुद को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाला छात्र बताकर लॉज में रह रहा था, लेकिन प्रारंभिक पूछताछ में उसके मंसूबे और नेटवर्क दोनों सामने आ गए हैं।
🎯 गिरफ्तारी और पूछताछ
- दानिश को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया और कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले जाकर पूछताछ शुरू की।
- शुरुआती खुलासों में उसने माना कि उसे और उसके 7 साथियों को हथियार और विस्फोटक इकट्ठा करने का जिम्मा दिया गया था।
- यह पूरा नेटवर्क सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में रहता था, जिससे किसी को शक भी न हो।
🎭 परीक्षा की तैयारी का बहाना
- लॉज में रहने वाले साथी युवकों को दानिश की गतिविधियों पर कभी शक नहीं हुआ।
- उसके कमरे में प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें और नोट्स भी मिले, ताकि उसका कवर स्टोरी और मजबूत लगे।
- दानिश हमेशा कहता था कि वह नौकरी करके परिवार की मदद करना चाहता है।
- उसके रूममेट, जो दिव्यांग युवक है, ने भी पुलिस को बताया कि उसे कभी दानिश पर शक नहीं हुआ।
🕵️ क्या संकेत देता है यह मामला?
- आतंकी संगठनों की रणनीति – वे युवाओं को पढ़ाई या नौकरी के बहाने छुपाकर समाज में घुलने-मिलने के लिए तैयार करते हैं।
- सोशल मीडिया का दुरुपयोग – गुप्त संपर्क बनाए रखने और नए लोगों को जोड़ने के लिए सबसे आसान हथियार बन चुका है।
- स्थानीय निगरानी की चुनौती – समाज और प्रशासन के लिए ऐसे मामलों को पकड़ना बेहद कठिन हो जाता है क्योंकि आरोपी खुद को साधारण छात्र या नौकरीपेशा साबित करता है।
👉 यह गिरफ्तारी दिखाती है कि आतंकी संगठनों के नेटवर्क कितने गहरे और चालाक तरीक़े से समाज में प्रवेश कर रहे हैं। रांची जैसे शांत शहर में भी इस तरह का खुलासा होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है।