नेपाल इस वक्त बड़े राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे युवाओं का गुस्सा अब सीधे नेताओं और उनके परिवारों पर निकल रहा है। खासतौर पर “नेपोकिड्स” यानी राजनेताओं के बेटे-बेटियों की ऐशो-आराम भरी जिंदगी ने आग में घी डालने का काम किया है। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर #Nepokids और #PoliticianNepobabies जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
विरोध से इस्तीफे तक पहुँची लहर
युवाओं का आक्रोश इस कदर बढ़ा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। सड़कों पर हजारों लोग उतरे और सोशल मीडिया पर नेताओं के बच्चों की महंगी कारें, करोड़ों के हैंडबैग और विदेश यात्राओं की तस्वीरें वायरल होने लगीं। इन तस्वीरों की तुलना आम नेपाली युवाओं की बेरोजगारी और गरीबी से की जा रही है।
किस-किस पर निशाना?
- श्रृंखला खातीवाड़ा – पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बिरोध खातीवाड़ा की बेटी और मिस नेपाल रह चुकीं श्रृंखला, अपने सोशल मीडिया पोस्ट में विदेशी यात्राओं और लग्जरी लाइफस्टाइल की झलक दिखाती हैं।
- शिवना श्रेष्ठा – पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की बहू, जिनके आलीशान बंगले और महंगे फैशन अक्सर चर्चा में रहते हैं। उनके पति जयवीर सिंह देउबा के पास भी करोड़ों की संपत्ति बताई जाती है।
- स्मिता दहल – पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की पोती। एक पोस्ट में लाखों रुपये का हैंडबैग दिखाने पर उनकी सबसे ज्यादा आलोचना हुई।
- सौगत थापा – कानून मंत्री बिंदु कुमार थापा के बेटे, जिन पर विलासिता से भरी जिंदगी जीने का आरोप है।
जनता का आक्रोश
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब आम जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, तब नेता और उनके परिवार विलासिता में डूबे हुए हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने नेपोकिड्स के घरों में आगजनी भी कर दी।
भ्रष्टाचार में आगे नेपाल
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल लगातार एशिया के सबसे भ्रष्ट देशों में गिना जाता है। यही कारण है कि जनता का भरोसा टूट चुका है और अब युवाओं का आंदोलन केवल सरकार ही नहीं बल्कि पूरे राजनीतिक परिवारवाद के खिलाफ खड़ा हो गया है।