फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी Swiggy ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने राइड-हेलिंग स्टार्टअप Rapido में अपनी 12% हिस्सेदारी बेच दी है, जिसकी डील की वैल्यू ₹2,399 करोड़ रही। इस सौदे से स्विगी को सिर्फ तीन साल में ₹1,449 करोड़ का मुनाफा हुआ है।
✦ हिस्सेदारी किसने खरीदी?
यह डील Rapido के मौजूदा निवेशकों –
- Prosus (₹1,968 करोड़)
- WestBridge Capital (₹431.49 करोड़)
के साथ पूरी हुई है।
✦ क्यों निकली Swiggy?
दरअसल, Rapido ने फूड डिलीवरी बिजनेस में एंट्री कर ली है। ऐसे में Swiggy और Rapido का सीधा मुकाबला हो सकता था। यही संभावित conflict of interest रोकने के लिए Swiggy ने अपनी हिस्सेदारी से बाहर निकलने का निर्णय लिया।
✦ फंड का इस्तेमाल कैसे होगा?
इस डील से मिले ₹2,399 करोड़ से स्विगी अपना कैश बैलेंस मजबूत करेगी।
- जून 2025 तक कंपनी के पास ₹5,354 करोड़ कैश और इक्विवैलेंट्स थे।
- Rapido डील से यह बैलेंस और बढ़कर ₹7,700 करोड़ से ज्यादा हो जाएगा।
✦ निवेश पर जबरदस्त रिटर्न
- 2022 में स्विगी ने Rapido में ₹950 करोड़ का निवेश किया था।
- सिर्फ 3 साल में यह पैसा बढ़कर ₹2,399 करोड़ हो गया।
- यानी निवेश पर 2.5 गुना रिटर्न।
✦ स्टॉक पर असर
मंगलवार को बीएसई में स्विगी का शेयर ₹449.15 पर बंद हुआ, जो 0.04% की हल्की गिरावट दर्शाता है।
✅ कुल मिलाकर, Rapido से बाहर निकलना स्विगी के लिए स्ट्रैटेजिक और फायदे का सौदा साबित हुआ है – एक तरफ संभावित टकराव से बचाव हुआ, तो दूसरी ओर निवेश पर मोटा मुनाफा भी मिल गया।
