TCS विवाद: पुणे में 2,500 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने का आरोप, NITES ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) पर आरोप है कि उसने पुणे स्थित अपने ऑफिस में लगभग 2,500 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। यह दावा आईटी कर्मचारियों के संगठन NITES (Naiscent Information Technology Employees Senate) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे एक पत्र में किया।

🔹 NITES की ओर से दावे

  • NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने लिखा कि प्रभावित कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए समय रहते हस्तक्षेप किया जाए।
  • संगठन ने बताया कि प्रभावित कर्मचारी मिड और सीनियर लेवल के प्रोफेशनल हैं, जिन्होंने 10-20 साल कंपनी को समर्पित किए।
  • कई कर्मचारी 40 साल से अधिक उम्र के हैं और मासिक किस्त, बच्चों की स्कूल फीस, मेडिकल खर्च और बुजुर्ग माता-पिता की जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हैं।

🔹 TCS का बयान

  • कंपनी ने कहा कि हालिया कौशल पुनर्गठन पहल से सिर्फ सीमित संख्या में कर्मचारी प्रभावित हुए हैं।
  • प्रभावित कर्मचारियों को उचित देखभाल और सेवामुक्ति भत्ता दिया गया।
  • TCS ने आरोपों को गलत और शरारतपूर्ण करार दिया।
  • जून 2025 में TCS ने अपने वैश्विक कार्यबल में लगभग 12,261 कर्मचारियों (लगभग 2%) की छंटनी की घोषणा की थी, जिनमें ज्यादातर मिड और सीनियर लेवल के थे।

🔹 औद्योगिक विवाद और कानूनी पहलू

  • NITES ने आरोप लगाया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 का उल्लंघन किया गया है।
  • उनका कहना है कि TCS ने वैधानिक छंटनी मुआवजा नहीं दिया और कर्मचारियों को डर और दबाव में स्वैच्छिक इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।
  • NITES ने मुख्यमंत्री से मांग की कि राज्य श्रम विभाग तुरंत जांच करे और कथित अवैध बर्खास्तगी को रोके।

🔹 निष्कर्ष

यह विवाद पुणे के IT सेक्टर में कर्मचारियों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर गहरी चिंता पैदा कर रहा है। TCS और NITES के बीच इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई और जांच की संभावना है।