15 फरवरी 2025 की रात, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए एक भीषण हादसे ने पूरे देश को हिला दिया। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्टेशन पर जमा थी, जब फुटओवर ब्रिज (FOB) नंबर 3 पर भयानक भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मरने वालों में 4 बच्चे और 11 महिलाएं शामिल थीं।
📌 कैसे हुआ हादसा?—सरकारी रिपोर्ट में खुलासा
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में इस हादसे को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक यात्री के सिर से भारी बैग गिरना भगदड़ की मुख्य वजह बना। यह जवाब उन्होंने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के सवाल पर संसद में पेश किया।
इस हादसे की जांच के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति ने निष्कर्ष निकाला कि यात्री के सिर से सामान गिरने से भीड़ में हड़कंप मच गया और प्लेटफॉर्म 14 और 15 की सीढ़ियों पर दबाव बन गया। इसके कारण यात्री एक-दूसरे पर गिरने लगे और दम घुटने (Traumatic Asphyxia) से लोगों की जान चली गई।
🧍♂️🚶♀️ भीड़ क्यों बेकाबू हुई?
- हादसे के दिन प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए हजारों श्रद्धालु स्टेशन पहुंचे थे।
- शाम 6 बजे से 9 बजे तक करीब 7600 अनारक्षित टिकट बेचे गए, यानी 1500 यात्री प्रति घंटा।
- रात 8:15 बजे के बाद, प्लेटफॉर्म से जोड़ने वाले 25 फीट चौड़े फुटओवर ब्रिज पर यात्रियों का भारी जमावड़ा हो गया।
- कई यात्रियों के सिर पर भारी बैग रखे हुए थे, जिससे लोगों की आवाजाही धीमी हो गई।
- इसी दौरान, एक यात्री का बैग गिरा और भगदड़ शुरू हो गई।
🚨 नई दिल्ली स्टेशन पर मौत का मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ ही सेकंड में लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। भगदड़ के कारण मौके पर अफरातफरी और चीख-पुकार मच गई। जब तक पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे, तब तक 18 लोगों की जान जा चुकी थी।
यह हादसा 2017 में मुंबई के एलफिंस्टन रोड पर हुए भगदड़ कांड के बाद सबसे बड़ी रेल भगदड़ साबित हुआ।
🛑 सरकार ने मानी लापरवाही?
हालांकि रेल मंत्रालय ने दावा किया कि भीड़ नियंत्रण के लिए इंतजाम थे, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में टिकट जारी करना और प्लेटफॉर्म पर बिना नियंत्रण के भीड़ इकट्ठा होने देना गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस घटना के बाद सरकार की आलोचना तेज हो गई और भीड़ प्रबंधन की रणनीतियों पर सवाल उठे।
✅ अब क्या कर रही है सरकार?
रेल मंत्री ने संसद में बताया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई नए प्रबंधन उपाय अपनाए जा रहे हैं:
✅ 73 स्टेशनों पर विशेष इंतजाम:
- स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे ताकि अनारक्षित टिकटधारकों को प्लेटफॉर्म पर न जाने दिया जाए जब तक ट्रेन न आ जाए।
- नई दिल्ली, आनंद विहार, गाजियाबाद, वाराणसी और अयोध्या में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए जा चुके हैं।
- कंप्लीट एक्सेस कंट्रोल सिस्टम लागू होगा—जिसमें बिना टिकट यात्री एक अलग क्षेत्र में रहेंगे।
✅ अवैध रास्तों पर रोक:
- सभी गैर-कानूनी एंट्री पॉइंट बंद किए जाएंगे।
- चौड़े फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे और CCTV से निगरानी बढ़ेगी।
📣 निष्कर्ष: एक बैग, एक लापरवाही, और 18 अनमोल ज़िंदगियां
नई दिल्ली स्टेशन की यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि एक छोटी सी चूक—जैसे सिर पर भारी बैग ले जाना—भी तबाही मचा सकती है, जब व्यवस्था और सतर्कता की कमी हो।
इस भगदड़ ने सरकारी सिस्टम, रेलवे प्रबंधन और आपदा नियंत्रण की तैयारियों को कठघरे में खड़ा किया है। उम्मीद की जा रही है कि अब जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे सिर्फ कागज़ों तक सीमित न रहें, बल्कि ज़मीन पर बदलाव भी लाएं।