जमशेदपुर के परसुडीह में एक ऐसी दर्दनाक घटना घटी जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। यहां 34 वर्षीय शिल्पी मुखर्जी, जो पोटका सीएससी में नर्स के रूप में कार्यरत थीं, की उनके पति साहब मुखर्जी ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी। घटना बुधवार की सुबह हुई, जब पति-पत्नी के बीच कथित तौर पर तीखी बहस के बाद यह वारदात हुई।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि साहब मुखर्जी को लंबे समय से संदेह था कि उनकी पत्नी का किसी अन्य व्यक्ति के साथ प्रेम संबंध है। इस शक ने धीरे-धीरे उनके दिमाग में गहरी खाई पैदा कर दी। घटना के दिन साहब मुखर्जी ने पहले अपने मोबाइल व्हाट्सएप स्टेटस पर एक संदेश पोस्ट किया और उसमें स्पष्ट किया कि वे अपनी पत्नी की हत्या करने वाले हैं, क्योंकि वह उन्हें धोखा दे रही है। इसके साथ ही उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें हत्या की पूरी जिम्मेदारी स्वयं ली।
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के अनुसार, साहब मुखर्जी ने गला दबाकर और चाकू से वार करके शिल्पी की हत्या की। हत्या के बाद वह तुरंत घर से निकल गए और सुंदरनगर थाना क्षेत्र के रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को घटनास्थल से उनका शव बुरी तरह क्षत-विक्षत अवस्था में मिला।
घटना की सूचना पाकर मृतका के भाई अमित कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनकी बहन की शादी चार साल पहले साहब मुखर्जी से हुई थी और शुरुआती दिनों में सब कुछ सामान्य था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से रिश्ते में तनाव बढ़ गया था। परिवार ने कई बार सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन आपसी अविश्वास और शक का माहौल खत्म नहीं हो पाया।
परसुडीह थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि पुलिस ने महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की हर पहलू से गहन जांच की जा रही है। साथ ही, व्हाट्सएप स्टेटस और सुसाइड नोट को भी सबूत के रूप में सुरक्षित किया गया है।
यह घटना न केवल वैवाहिक जीवन में विश्वास की अहमियत को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि शक और संदेह किस तरह एक रिश्ते को हिंसा और त्रासदी में बदल सकता है। समाज में ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या मानसिक स्वास्थ्य, रिश्तों में संवाद और विवाद समाधान की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।