सरकारी बस में हरियाणा पुलिस अधिकारियों की मुफ्त यात्रा – कंडक्टर से तकरार का वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की एक बस में हरियाणा पुलिस अधिकारियों द्वारा बिना टिकट यात्रा करने का मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

घटना का विवरण

  • वायरल वीडियो में दो पुलिस अधिकारी, जिनमें से एक का नाम टेकचंद बताया जा रहा है, रात के समय बिना टिकट बस में यात्रा करते दिखे।
  • जब बस कंडक्टर ने उनसे टिकट मांगा, तो उन्होंने वर्दी और पहचान पत्र दिखाकर मुफ्त यात्रा का दावा किया।
  • कंडक्टर ने इस दावे को चुनौती दी, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई।
  • वीडियो में अधिकारी किसी उच्च अधिकारी को फोन पर बात करते भी दिखाई देते हैं।

सोशल मीडिया पर बवाल

  • वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं।
  • कई यूजर्स ने इसे पुलिस की मनमानी और शक्ति के दुरुपयोग का उदाहरण बताया।
  • कुछ ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन में पुलिस को मुफ्त यात्रा का कानूनी अधिकार नहीं होना चाहिए।
  • आम यात्रियों ने सवाल उठाया कि अगर वे टिकट के बिना यात्रा नहीं कर सकते, तो पुलिस को विशेषाधिकार क्यों मिले?

कानूनी और नैतिक पहलू

  • भारत में पुलिस अधिकारियों को मुफ्त यात्रा का अधिकार सीमित परिस्थितियों में मिलता है।
  • आमतौर पर यह सुविधा तभी दी जाती है जब वे आधिकारिक ड्यूटी पर हों और उनके पास वारंट या विशेष अनुमति पत्र हो।
  • इस घटना में ऐसा कोई दस्तावेज नहीं दिखा, जिससे यह साफ होता है कि अधिकारी नियमों का उल्लंघन कर रहे थे
  • नैतिक रूप से भी पुलिसकर्मियों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियमों का पालन कर उदाहरण पेश करें। वर्दी उन्हें जिम्मेदारी देती है, विशेषाधिकार नहीं

व्यापक निहितार्थ

  • यह मामला केवल एक बस टिकट का नहीं, बल्कि पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता का है।
  • हाल के वर्षों में पुलिस पर मनमानी और शक्ति के दुरुपयोग के कई आरोप लगे हैं।
  • ऐसी घटनाएं नागरिकों और पुलिस के बीच विश्वास की खाई को और गहरा करती हैं
  • साथ ही, यह घटना यह भी दिखाती है कि सोशल मीडिया एक सशक्त निगरानी तंत्र बन चुका है, जो ऐसी घटनाओं को तुरंत जनता तक पहुंचाता है और पुलिस प्रशासन को सुधारने पर मजबूर करता है

✍️ रिपोर्ट : आवाज़ प्लस मीडिया हाउस