इंफोसिस लिमिटेड, जो देश की दिग्गज आईटी कंपनियों में से एक है, ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है। कंपनी ने ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक का फैसला किया है। यह इंफोसिस की अब तक की सबसे बड़ी बायबैक डील है और इसे टेंडर ऑफर रूट के जरिए किया जाएगा।
📌 बायबैक डिटेल्स
- प्राइस तय किया गया है: ₹1,800 प्रति शेयर
- प्रेमियम: मौजूदा बाजार भाव से करीब 19% ज्यादा
- शेयर संख्या: 10 करोड़ इक्विटी शेयर (कुल इक्विटी का लगभग 2.41%)
- यह बायबैक इंफोसिस की लिस्टिंग के बाद से पांचवां बायबैक है।
📊 इंफोसिस के पिछले बायबैक
- 2017 → ₹13,000 करोड़
- 2019 → ₹8,260 करोड़
- 2021 → ₹9,200 करोड़
- 2023 → ₹9,300 करोड़
- 2025 (नया) → ₹18,000 करोड़ (सबसे बड़ा)
- 💡 बायबैक क्यों करता है कंपनी?
शेयर बायबैक का मतलब है कि कंपनी अपने ही शेयर बाजार से वापस खरीद लेती है। इसके कई फायदे होते हैं:
- शेयरहोल्डर्स को इनाम – प्रीमियम प्राइस पर शेयर बेचने का मौका मिलता है।
- EPS (Earnings Per Share) बढ़ता है – कम शेयर बचे तो प्रति शेयर मुनाफा बढ़ता है।
- मार्केट को भरोसा – मैसेज जाता है कि कंपनी को अपने बिजनेस और ग्रोथ पर भरोसा है।
- शेयर की वैल्यू मजबूत होती है – डिमांड-सप्लाई के बैलेंस से प्राइस स्थिर या ऊंचा रहता है।
📈 तिमाही नतीजे भी दमदार
- Q1FY25 में कंपनी ने ₹6,924 करोड़ का मुनाफा कमाया (8.6% ज्यादा)
- राजस्व पहुंचा ₹42,279 करोड़ (7.5% की बढ़त)
- खर्च भी बढ़कर ₹3,850 करोड़ हुए (+10.4%)
इन नतीजों से साफ है कि इंफोसिस का बिजनेस मजबूत है और उसके पास इतना कैश रिजर्व है कि वह निवेशकों को फायदा पहुंचा सके।