ओवरलोड ट्रकों से करोड़ों की राजस्व हानि का खुलासा, एसटीएफ ने किया बड़ा भंडाफोड़ – भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज

राजधानी लखनऊ में परिवहन विभाग और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में ओवरलोड वाहनों से हो रही सरकारी राजस्व की भारी हानि और विभागीय भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हुआ है। इस प्रकरण में एसटीएफ ने कई आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, नोटबुक, डायरी, नकदी व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

मामला उस समय सामने आया जब एसटीएफ को सूचना मिली कि कुछ ट्रांसपोर्टर और ट्रक मालिक परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बिना रोक-टोक ओवरलोड ट्रक चला रहे हैं। इसी सूचना पर एसटीएफ की टीम ने लखनऊ-सीतापुर मार्ग पर रात करीब 1.00 बजे आईआईएम तिराहा के पास ट्रक नंबर UP78DT7880 को पकड़ा।

पूछताछ में चालक कपिल ने बताया कि वह अभिनव पांडे और ऋतेश कुमार पांडे उर्फ सानू के लिए ओवरलोड परिवहन का कार्य करता है। ये दोनों लंबे समय से विभागीय अधिकारियों को रिश्वत देकर ट्रकों को पास कराते थे। इनके पास से बरामद मोबाइल फोन और डायरी में कई विभागीय अधिकारियों और ट्रांसपोर्टरों के नाम दर्ज मिले हैं।

बरामद मोबाइल फोनों में ऐसे कई कॉल डिटेल्स और चैट्स मिले हैं जो अवैध धन लेन-देन और ओवरलोड ट्रकों की सूची से संबंधित हैं। जांच के दौरान मौके से ₹11,500 नकद, कई एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।

एसटीएफ ने पूरे प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7(1) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 59, 61(2), 316(5), 318, 303(2), 317(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
यह मुकदमा थाना रीता देवी नगर में अपराध संख्या 660/2025 के अंतर्गत दर्ज किया गया।
इस मामले की विवेचना सहायक पुलिस आयुक्त सैयद अरीब अहमद को सौंपी गई है।

एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह हर ओवरलोड ट्रक से ₹5,000 से ₹10,000 तक की वसूली करता था और यह रकम विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाई जाती थी। आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल व दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह पिछले कई महीनों से सक्रिय था और परिवहन विभाग की मिलीभगत से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये की हानि पहुंचा चुका है। एसटीएफ द्वारा की गई इस कार्रवाई से विभागीय स्तर पर हड़कंप मचा हुआ है।