राहुल गांधी बोले – मैं विपक्ष का नेता हूँ, फिर भी नहीं बोलने दे रही सरकार

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत ही जबरदस्त हंगामे से हुई। पहले ही दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर पक्षपात का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भले ही वे लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, फिर भी उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी जा रही।

🗣️ राहुल गांधी का बयान:

सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा:

मैं विपक्ष का नेता हूं। बोलना मेरा अधिकार है, मुद्दे उठाना मेरी जिम्मेदारी है। लेकिन सरकार के लोग बोल सकते हैं और मुझे नहीं बोलने दिया जा रहा है। यह पूरी तरह पक्षपात है।

⚠️ सरकार पर नया आरोप:

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने ‘नया तरीका’ अपनाया है – जिसमें विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और बाद में उनके सदन छोड़ने की ओर था।

🔥 क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?

हंगामे की मुख्य वजह रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जिस पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध किया।
इस ऑपरेशन के तहत भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। विपक्ष चाहता था कि इस मुद्दे पर सदन में तुरंत चर्चा हो, लेकिन सरकार ने पहले प्रश्नकाल चलाने पर जोर दिया।

🏛️ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की सफाई:

ओम बिड़ला ने कहा कि संसद को नियमों के तहत ही चलाया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया:

प्रश्नकाल के बाद सभी सदस्यों को बोलने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन नारेबाजी और तख्तियां लहराने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
अगर सदस्य विधिवत नोटिस देंगे तो उन्हें मुद्दे उठाने और पर्याप्त समय दिया जाएगा।

📌 निष्कर्ष:

  • राहुल गांधी ने लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया।
  • विपक्ष ने सरकार पर आवाज दबाने की साज़िश का आरोप लगाया।
  • सरकार और स्पीकर का कहना है कि नियमों के अनुसार काम होगा।

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