📍 कैसे हुआ हादसा?
लगातार हो रही तेज़ बारिश के कारण पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा अचानक गिरने लगा।
इससे रास्ते में चल रहे कई श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए।
भूस्खलन की भयावहता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि रास्ते में बने कई शेड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और यात्रियों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
👨🚒 रेस्क्यू ऑपरेशन कैसे चला?
भूस्खलन के तुरंत बाद:
- पिट्ठू, पालकी सेवक,
- श्राइन बोर्ड कर्मचारी,
- और स्थानीय पुलिस बल सक्रिय हुआ।
इन सभी ने मिलकर मलबे में फंसे श्रद्धालुओं को बचाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अगर राहत कार्य में देरी होती तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
🚫 क्यों खास है ये मार्ग?
यह मार्ग माता वैष्णो देवी यात्रा का मुख्य और ऐतिहासिक रास्ता है।
रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु इसी मार्ग से भवन की ओर जाते हैं।
इस वजह से इस भूस्खलन की घटना को बेहद गंभीर माना जा रहा है।
📢 अब तक की स्थिति:
- इलाके में कुछ समय के लिए यात्रा रोक दी गई है।
- प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राहत कार्य तेजी से जारी है।
- श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्गों से भेजने की योजना बनाई जा रही है।
🧘 अंत में एक राहत की बात:
तेज़ बारिश और भूस्खलन के बावजूद, समय पर रेस्क्यू कार्य शुरू होने के कारण कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।
श्राइन बोर्ड की सतर्कता और स्थानीय टीमों की तत्परता ने हादसे को और गंभीर होने से बचा लिया।