समाचार लेख में 26 जुलाई 2025, शनिवार को बिहार के नवादा जिले के हिसुआ क्षेत्र में हुई एक परेशान करने वाली घटना का उल्लेख है। एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की पर शाबिर मल्लिक नामक व्यक्ति ने घर में घुसकर दुष्कर्म का प्रयास किया। यह घटना हिसुआ थाना क्षेत्र के सिहीन गांव में हुई। आरोपी ने नाबालिग को अपने 5 वर्षीय भाई के साथ घर में अकेला देखकर इस अवसर का फायदा उठाया। हालांकि, लड़की के विरोध और शोर मचाने के कारण एक पड़ोसी के हस्तक्षेप करने पर आरोपी को धमकी देकर भागना पड़ा।
घटना का क्रम
- घटना का संदर्भ: घटना के दिन, 15 वर्षीय लड़की अपने 5 वर्षीय भाई के साथ घर पर थी। लेख में यह स्पष्ट नहीं है कि वह अकेली क्यों थी, लेकिन यह संकेत देता है कि घर में कोई अन्य परिवारजन मौजूद नहीं था, जिसने उसे असुरक्षित बना दिया।
- घुसपैठ और दुष्कर्म का प्रयास: सिहीन गांव का निवासी शाबिर मल्लिक, लड़की को अकेला देखकर घर में घुस गया। उसने पहले छेड़छाड़ शुरू की और जब लड़की ने इसका विरोध किया, तो उसने जबरन दुष्कर्म करने की कोशिश की।
- पीड़िता की प्रतिक्रिया: नाबालिग लड़की ने दृढ़ता से विरोध किया और मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया। आरोपी ने उसका मुंह दबाकर उसे चुप कराने की कोशिश की, लेकिन लड़की के शोर ने पड़ोस की एक महिला को सतर्क कर दिया, जो मौके पर पहुंची। इसके बाद आरोपी धमकी देकर फरार हो गया।
- पुलिस को सूचना: पीड़िता ने तुरंत डायल 112 के जरिए पुलिस को सूचित किया। उसने हिसुआ थाने में लिखित शिकायत दर्ज की, जिसमें घटना का पूरा विवरण दिया।
- पुलिस की कार्रवाई: हिसुआ थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शाबिर मल्लिक के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) और अन्य संबंधित धाराओं में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की। थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है।
कानूनी निहितार्थ
- पॉक्सो एक्ट: चूंकि पीड़िता नाबालिग है, इसलिए इस मामले में पॉक्सो एक्ट की धाराएं लागू की गई हैं। यह कानून बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है और इसमें कठोर सजा का प्रावधान है।
- दुष्कर्म और अन्य धाराएं: भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (दुष्कर्म) और 354 (महिला की लज्जा भंग करने का इरादा) जैसी धाराएं भी इस मामले में लागू हो सकती हैं। छेड़छाड़ और धमकी देने के लिए भी अतिरिक्त धाराएं जोड़ी गई हैं।
- पुलिस की भूमिका: पुलिस ने तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की, जो दर्शाता है कि इस तरह के गंभीर अपराधों में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। हालांकि, आरोपी के फरार होने से उसकी गिरफ्तारी एक चुनौती बनी हुई है।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ
यह घटना भारत में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की व्यापक समस्या को उजागर करती है। कुछ प्रमुख बिंदु:
- नाबालिगों की सुरक्षा: यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में नाबालिग बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपायों की कमी को दर्शाती है। घर में अकेले रहने की स्थिति में ऐसी घटनाएं जोखिम को बढ़ा देती हैं।
- समुदाय की भूमिका: पड़ोसी महिला के समय पर हस्तक्षेप ने इस घटना को और गंभीर होने से रोका। यह समुदाय की जागरूकता और त्वरित प्रतिक्रिया के महत्व को दर्शाता है।
- पुलिस और प्रशासन: डायल 112 जैसी आपातकालीन सेवाओं का उपयोग और पुलिस की त्वरित प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई सकारात्मक है, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी में देरी से पीड़िता और उसके परिवार में डर बना रह सकता है।
- जागरूकता और शिक्षा: इस तरह की घटनाएं समाज में यौन हिंसा के खिलाफ जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं। बच्चों को अपनी सुरक्षा के लिए शिक्षित करना और समुदाय को सतर्क रहने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है।
व्यापक महत्व
- लैंगिक हिंसा का मुद्दा: यह घटना भारत में लैंगिक हिंसा की गंभीर समस्या को फिर से सामने लाती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की संख्या चिंताजनक है। ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों और जागरूकता की कमी इस समस्या को और जटिल बनाती है।
- कानून का कार्यान्वयन: पॉक्सो एक्ट जैसे कानूनों का प्रभावी कार्यान्वयन और त्वरित न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि अपराधियों में कानून का डर पैदा हो।
- समाज में बदलाव: इस तरह की घटनाएं समाज में लैंगिक समानता, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।