हाल ही में दो प्रतिष्ठित संत — मथुरा के कथावाचक प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य महाराज — अपने बयानों को लेकर सार्वजनिक चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। यह विवाद खासतौर पर महिलाओं, लड़कियों और युवाओं के चरित्र, शादी की उम्र और सामाजिक भूमिका को लेकर की गई टिप्पणियों से जुड़ा है।
क्या कहा गया था?
- अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कुछ समय पहले अपने प्रवचन में लड़कियों की शादी की उम्र 14 वर्ष तय करने जैसे बयान दिए और महिलाओं को लेकर कुछ विवादास्पद विचार प्रस्तुत किए। बाद में उन्होंने माफी भी मांगी, लेकिन तब तक उनके कथन सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में व्यापक रूप से फैल चुके थे।
- इसी क्रम में, प्रेमानंद महाराज ने भी आजकल के युवाओं के चरित्र को लेकर चिंता जताते हुए पति-पत्नी के रिश्ते में ईमानदारी की कमी की बात की। हालांकि उनका उद्देश्य समाज में नैतिकता को लेकर चेताना हो सकता है, लेकिन उनके शब्दों को लेकर भी जनता में नाराजगी देखी गई।
👩💼 लड़कियों और महिलाओं की प्रतिक्रिया क्यों आई?
दिल्ली, मथुरा और देश के अन्य हिस्सों से कई महिलाओं और युवतियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसे सार्वजनिक बयान, खासकर जब वो स्त्रियों के पहनावे, आचरण या विवाह को लेकर हों, समाज में महिलाओं के लिए नकारात्मक माहौल बनाते हैं।
उनका कहना था कि स्त्रियों ने कठिन संघर्षों के बाद सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त की है, और अब ऐसे बयान उन्हें फिर से पुराने रूढ़िवादी ढांचे में ढकेलने का कार्य कर रहे हैं।
🎙️ कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
- मीनू (दिल्ली): “ऐसे बयान महिलाओं को कमजोर दिखाने की कोशिश करते हैं। इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
- सोनी (दिल्ली): “जो बाबा खुद को समाज का मार्गदर्शक मानते हैं, उन्हें अपने शब्दों में मर्यादा रखनी चाहिए।”
- अन्य छात्राएं: “बाबाओं की कथाओं को अब प्रश्नचिह्न के साथ सुना जा रहा है। सम्मान तभी मिलेगा जब बातों में सम्मान झलके।”
📌 क्या यह संतों के खिलाफ है?
नहीं। इस पूरे घटनाक्रम में कोई भी समूह संतों के अस्तित्व या अध्यात्म पर सवाल नहीं उठा रहा है। मुद्दा केवल कुछ बयानों की भाषा और भावनात्मक असर को लेकर है, न कि उनके धार्मिक पद या आस्था पर।
अध्यात्म का उद्देश्य समाज को जोड़ना, uplift करना और नैतिकता सिखाना होता है — और जब महिलाएं कहती हैं कि कुछ टिप्पणियां उन्हें अपमानित करती हैं, तो यह एक संवाद का अवसर है, टकराव का नहीं।