नोएडा में यमुना का जलस्तर बढ़ा: पुस्ता रोड डूबा, 2500 परिवार बेघर और टेंटों में रहने को मजबूर

नोएडा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से हालात बिगड़ गए हैं। गुरुवार तड़के सुबह 5 बजे तक पानी ने सेक्टर-126 से सेक्टर-135 तक बने पुस्ता रोड को डूबा दिया। इसके चलते लगभग 2500 परिवार प्रभावित हुए हैं। ये परिवार ज्यादातर नर्सरी और फार्म हाउस में काम करने वाले मजदूर या फिर किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसान हैं।

फसलें बर्बाद, लोग बेघर

बाढ़ का पानी आने से इनकी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। मजबूरन लोग सड़क किनारे टेंट लगाकर रहने को विवश हैं। प्रभावितों का कहना है कि उनके मालिकों ने मदद करने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि “अपनी जान बचाओ, हमारी चिंता मत करो।”

पीड़ित परिवारों को सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है। उन्हें बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है।

प्रशासन की तैयारियों की पोल खुली

एनबीटी की टीम ने जब गुरुवार दोपहर बाढ़ प्रभावित इलाके का जायजा लिया तो नोएडा अथॉरिटी और प्रशासन की लापरवाही सामने आई।

  • सेक्टर-130 से 135 तक अथॉरिटी ने कुछ कैंप लगाए हैं।
  • लेकिन दोपहर की बारिश में महज 20 मिनट के अंदर ही कैंपों में पानी भर गया, जिससे लोग पूरी तरह भीग गए।
  • पीड़ितों का कहना है कि खाने और तंबुओं का इंतजाम उन्होंने खुद किया है, लेकिन पीने के पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है।

NGO और सामाजिक संगठन बने सहारा

सरकारी इंतजाम नाकाफी होने पर एनजीओ और स्थानीय किसान संगठन मदद के लिए आगे आए।

  • सेक्टर-128 स्थित पुस्ता रोड पर प्रभावित परिवारों के लिए कार्यकर्ता खाना, पानी और बरसात से बचाव का सामान लेकर पहुंचे।
  • बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्राइवेट वाहन भी उपलब्ध कराया गया
  • कई एनजीओ और डॉग लवर्स प्रभावितों के पालतू जानवरों तक को रेस्क्यू कर ले गए।

आठ राहत शिविर बनाए गए

नोएडा अथॉरिटी ने दावा किया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 8 राहत शिविर बनाए गए हैं। इनमें खानपान की व्यवस्था भी की गई है।
ये कैंप बख्तावरपुर, छपरौली, कोंडली, नंगली वाजिदपुर, नंगला नगली और झट्टा गांव के पास बनाए गए हैं।

हिंडन का बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय

  • यमुना के साथ-साथ हिंडन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
  • सेक्टर-133, 134, 135, 168 और 150 के इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं।
  • अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा फार्म हाउस पानी में डूब चुके हैं।
  • नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने प्रभावितों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और निर्देश दिया है कि राहत शिविरों में किसी भी कमी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बड़ी चुनौती

पिछले 24 घंटे में यमुना में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी बढ़ा है। दिल्ली से आकर यमुना में मिलने वाला सिंचाई नाला भी नोएडा में जलभराव की प्रमुख वजह बन रहा है। प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि हजारों प्रभावित परिवारों को सुरक्षित ठिकाना और मूलभूत सुविधाएं कैसे मुहैया कराई जाएं।