आगरा: यमुना नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से आगरा में बाढ़ के हालात विकराल हो गए हैं। नदी का पानी ताजमहल के पश्चिमी गेट तक पहुंच गया है, जबकि पीछे बने महताब बाग की टिकट विंडो और सीढ़ियों तक पानी भर गया है। नतीजतन, ताजमहल इस समय “जलमहल” जैसा दिख रहा है।
कितना बढ़ा जलस्तर?
- सोमवार को यमुना का जलस्तर 152.605 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 1.600 मीटर ऊपर है।
- एडीए का ताज व्यू प्वाइंट भी पानी की तेज धारा में डूब चुका है।
- स्थानीय लोगों का कहना है कि हालात ने उन्हें 1978 की बाढ़ की याद दिला दी, जब शहर में स्टीमर चलाने पड़े थे।
47 साल बाद फिर वही नजारा
- महताब बाग के बाहर दुकान लगाने वाले साबिर अली ने बताया कि 1978 में यमुना का हाईफ्लड लेवल 154.760 मीटर तक पहुंचा था।
- उस समय बेलनगंज, जीवनीमंडी, विजय नगर, दयालबाग, बल्केश्वर, मोतीमहल, कटरा वजीर खां और रामबाग समेत कई इलाके डूब गए थे।
- 2010 और 2023 में भी बाढ़ आई थी, लेकिन पानी इतना नहीं भरा था।
मथुरा से छोड़ा गया पानी बढ़ा संकट
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मथुरा के गोकुल बैराज से सोमवार को 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
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इससे मथुरा और वृंदावन के 45 गांव टापू बन चुके हैं।
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जयसिंहपुरा रोड की कॉलोनियां और विश्राम घाट भी जलमग्न हो गए हैं।
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बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, अगले दो दिन तक और पानी छोड़ा जाएगा, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
डर और दहशत का माहौल
- ताजमहल के पास रहने वाले लोगों में दहशत है।
- महताब बाग की सीढ़ियों तक पानी पहुंच जाने से पर्यटकों और स्थानीय निवासियों में खौफ है।
- यदि बारिश और पानी का बहाव नहीं रुका, तो 1978 जैसे हालात दोहराए जा सकते हैं।
