जम्मू-कश्मीर का कुलगाम जिला एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई का गवाह बना है। सोमवार को यहां के गुद्दर जंगल में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई। यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब खुफिया एजेंसियों को इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली और सेना ने इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया।
मुठभेड़ की शुरुआत
जैसे ही सेना की टुकड़ियां इलाके की घेराबंदी कर रही थीं, जंगल में छिपे आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसी दौरान सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
एक आतंकी ढेर, दो और घिरे
अब तक की जानकारी के मुताबिक, सेना ने इस मुठभेड़ में एक आतंकी को ढेर कर दिया है। वहीं, अभी दो और आतंकियों के इलाके में छिपे होने की पुष्टि हुई है। सुरक्षाबलों ने पूरे जंगल को चारों तरफ से घेर लिया है ताकि आतंकियों के भागने के किसी भी रास्ते को बंद किया जा सके।
संयुक्त ऑपरेशन
यह अभियान भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) और सीआरपीएफ (CRPF) के जवान संयुक्त रूप से चला रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां लगातार इलाके को स्कैन कर रही हैं और ड्रोन सहित आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
हालिया घटनाओं से जुड़ाव
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी। उस घटना में भी एलओसी के पास संदिग्ध गतिविधि देखी गई थी और सेना ने तुरंत कार्रवाई कर आतंकियों की साजिश को विफल कर दिया था।
घाटी में दहशतगर्दी पर नजर
विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवादी संगठन घाटी में लगातार अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। खासकर जंगलों और पहाड़ी इलाकों में आतंकियों की मौजूदगी से साफ होता है कि वे सुरक्षाबलों पर हमले करने की फिराक में हैं। हालांकि, सेना और पुलिस के संयुक्त अभियानों से उनकी हर कोशिश नाकाम हो रही है।
स्थानीय माहौल और सतर्कता
कुलगाम और आसपास के क्षेत्रों में इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने चौकसी बढ़ा दी है। स्थानीय निवासियों से भी अपील की गई है कि वे किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
नतीजा
इस मुठभेड़ का नतीजा आने वाले कुछ घंटों में साफ हो जाएगा। फिलहाल सुरक्षाबल किसी भी सूरत में आतंकियों को जिंदा बचकर निकलने नहीं देना चाहते। सेना के सूत्रों के मुताबिक, “ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक इलाके को आतंकमुक्त घोषित नहीं कर दिया जाता।”
