दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए दर्दनाक बीएमडब्ल्यू हादसे ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या हादसे में घायल अधिकारी की जान सही समय पर सही अस्पताल पहुंचने से बचाई जा सकती थी?
हादसे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात नवजोत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी घायल हैं। अब बेटे नवनूर सिंह ने अस्पताल चयन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
बेटे का आरोप
नवनूर सिंह का कहना है कि उनके पिता की जान इसलिए नहीं बच पाई क्योंकि हादसे के बाद उन्हें धौला कुआं के नजदीकी सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों या एम्स जैसे बड़े मेडिकल सेंटर में ले जाने की बजाय 20 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर स्थित न्यूलाइफ अस्पताल ले जाया गया।
उन्होंने कहा,
“धौला कुआं के पास कई बड़े अस्पताल हैं। वहां भेजा जाता तो शायद पापा बच जाते। लेकिन उन्हें 20 किलोमीटर दूर एक अस्पताल ले जाया गया, जहां कोई विशेष सुविधा नहीं थी। यह वही अस्पताल है, जो कार चला रही महिला का है।”
घटना कैसे हुई
- हादसा दोपहर करीब 1 से 1:30 बजे हुआ।
- बीएमडब्ल्यू चला रही महिला ने नवजोत सिंह और उनकी पत्नी की बाइक को टक्कर मार दी।
- टक्कर के बाद बाइक पास चल रही एक बस से भी भिड़ गई।
- हादसे में गंभीर रूप से घायल दंपती को कथित तौर पर एक डिलीवरी वैन में जीटीबी नगर स्थित न्यूलाइफ अस्पताल ले जाया गया।
- वहां नवजोत सिंह को मृत घोषित कर दिया गया।
बड़ा खुलासा – अस्पताल कार चालक महिला का
नवनूर ने आरोप लगाया कि जिस महिला ने बीएमडब्ल्यू चलाई, वही न्यूलाइफ अस्पताल की मालिक है। उन्होंने कहा,
“कार चालक महिला और उसका पति मामूली चोटों के बाद उसी अस्पताल में भर्ती हैं। पापा और मम्मी को भी वहीं लाया गया। यह सब सुनियोजित लगता है।”
पुलिस जांच
दिल्ली पुलिस ने हादसे में शामिल बीएमडब्ल्यू कार और बाइक को जब्त कर लिया है।
- क्राइम टीम ने मौके का निरीक्षण किया।
- FSL (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम को जांच के लिए बुलाया गया है।
- पुलिस का कहना है कि घटना की हर एंगल से जांच की जा रही है।