ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के इंजीनियर के. अरविंद की कथित आत्महत्या से जुड़े मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा फोरेंसिक सुराग हाथ लगा है। जांच में यह पुष्टि हो गई है कि मौके से मिला सुसाइड नोट असली है।
CNBC TV-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, फोरेंसिक जांच में सुसाइड नोट पर मिले फिंगरप्रिंट के. अरविंद से मैच कर गए हैं। इस खुलासे के बाद ओला इलेक्ट्रिक और इसके फाउंडर–CEO भाविश अग्रवाल की कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। साथ ही, सोमवार को कंपनी के शेयर पर भी दबाव बनने की आशंका जताई जा रही है।
🔍 फिंगरप्रिंट मैच, हैंडराइटिंग रिपोर्ट का इंतजार
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट की फिंगरप्रिंट जांच में पॉजिटिव मैच सामने आया है, जिससे नोट की प्रामाणिकता की पुष्टि होती है।
हालांकि, हैंडराइटिंग एनालिसिस रिपोर्ट अभी आना बाकी है, जिसे जांचकर्ता बेहद अहम मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि आगे की कानूनी कार्रवाई काफी हद तक इन्हीं रिपोर्ट्स पर निर्भर करेगी।
⚖️ CCB कर रही है जांच, BNS की धारा 108 के तहत केस
इस पूरे मामले की जांच फिलहाल सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) कर रही है।
परिवार की शिकायत के बाद केस को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत दर्ज किया गया था, जिसके बाद CCB ने जांच अपने हाथ में ली।
🕯️ 28 सितंबर 2025 को हुई थी के. अरविंद की मौत
38 वर्षीय के. अरविंद 28 सितंबर 2025 को बेंगलुरु स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे।
- शुरुआत में पुलिस ने इसे अप्राकृतिक मौत का मामला माना
- बाद में परिवार ने वर्कप्लेस पर उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया
अरविंद ओला इलेक्ट्रिक के कोरमंगला स्थित हेडक्वार्टर में कार्यरत थे और वर्ष 2022 से कंपनी से जुड़े हुए थे।
🧪 जहर खाने का आरोप, संदिग्ध बैंक ट्रांजेक्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 28 सितंबर को अरविंद ने कथित तौर पर जहर खा लिया था। उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
परिवार की शिकायत में एक और गंभीर आरोप भी है।
- अरविंद की मौत के दो दिन बाद, 30 सितंबर को
- उनके बैंक खाते में NEFT के जरिए ₹17.46 लाख ट्रांसफर किए गए
परिवार ने इस ट्रांजेक्शन को संदिग्ध बताया है, जिसकी जांच भी की जा रही है।
📄 28 पेज का सुसाइड नोट, सीनियर अधिकारियों के नाम
पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल से 28 पेज का हाथ से लिखा सुसाइड नोट बरामद हुआ था।
इस नोट में कथित तौर पर—
- वर्कप्लेस पर मानसिक उत्पीड़न
- कंपनी के सीनियर अधिकारियों के नाम
- और फाउंडर CEO भाविश अग्रवाल का भी उल्लेख
कर्नाटक हाई कोर्ट ने जांच जारी रखने की अनुमति दी है, लेकिन साथ ही ओला इलेक्ट्रिक के एग्जीक्यूटिव्स को तत्काल गिरफ्तारी या सख्त कार्रवाई से अंतरिम राहत भी दी है। कोर्ट ने सभी अधिकारियों को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है।
📉 शेयर बाजार पर भी असर संभव
इस मामले का असर ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों पर भी देखने को मिल सकता है।
- शुक्रवार, 19 दिसंबर को शेयर BSE पर 10% की तेजी के साथ ₹34.40 पर बंद हुआ
- इससे पहले तीन कारोबारी सत्रों में शेयर 16% गिर चुका था
गिरावट की बड़ी वजह थी कि भाविश अग्रवाल ने तीन दिनों में
96,460,454 शेयर (कंपनी की 2.2% इक्विटी) बेच दिए थे।
इस बिक्री से उन्हें करीब ₹324.45 करोड़ मिले।
कंपनी के मुताबिक, यह शेयर बिक्री
- ₹260 करोड़ के लोन को पूरी तरह चुकाने
- और प्रमोटर द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों को मुक्त कराने
के लिए की गई थी।
