राजनाथ सिंह ने दी रक्षा खरीद मैनुअल 2025 को मंजूरी, आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को रक्षा खरीद मैनुअल (DPM) 2025 को मंजूरी प्रदान की। यह फैसला भारतीय सशस्त्र बलों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति समय पर, पारदर्शी और उचित लागत पर की जा सके।

क्या है रक्षा खरीद मैनुअल 2025?

  • यह मैनुअल सशस्त्र बलों की राजस्व खरीद प्रक्रिया (Revenue Procurement) को सरल और सुव्यवस्थित करेगा।
  • तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और संयुक्त कार्यप्रणाली को बढ़ावा देगा।
  • इससे रक्षा सामग्री और तकनीक की खरीद में लंबी देरी और जटिल प्रक्रियाओं को कम किया जाएगा।

मंत्रालय का बयान

रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस मैनुअल का मुख्य उद्देश्य है –

  • घरेलू रक्षा बाजार की क्षमता का पूर्ण उपयोग करना।
  • निजी कंपनियों, MSME, स्टार्ट-अप्स और DPSU (Defence Public Sector Undertakings) को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना।
  • रक्षा निर्माण और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता (Aatmanirbhar Bharat) को और मजबूत करना।

क्यों अहम है DPM 2025?

  1. सैनिकों को समय पर संसाधन – अब हथियार, उपकरण और ज़रूरी सामग्री विलंब के बिना उपलब्ध हो सकेगी।
  2. लागत नियंत्रण – पारदर्शी प्रक्रिया से संसाधन उचित दाम पर खरीदे जा सकेंगे।
  3. रक्षा क्षेत्र में रोजगार – निजी क्षेत्र, MSME और स्टार्ट-अप्स की भागीदारी से नए रोजगार अवसर खुलेंगे।
  4. स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा – विदेशी आयात पर निर्भरता कम होगी और भारतीय उद्योगों को मजबूत आधार मिलेगा।

DPM 2025 रक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और आत्मनिर्भरता का नया अध्याय खोल सकता है। इससे भारत की सेनाओं की ऑपरेशनल रेडीनेस बेहतर होगी और देश रक्षा तकनीक में ‘मेक इन इंडिया’ को गति मिलेगी।