भारत में 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले जीएसटी सुधार आम जनता के लिए एक बड़ी सौगात साबित होने वाले हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नए जीएसटी ढांचे का असर हर भारतीय की जिंदगी पर होगा – “सुबह आंख खुलने से लेकर रात सोने तक लोगों को राहत महसूस होगी।”
🔹 क्या है बड़ा बदलाव?
- 99% जरूरी सामानों पर जीएसटी घटा: पहले जहां इन वस्तुओं पर 12% जीएसटी लागू था, अब इसे घटाकर 5% कर दिया गया है।
- कम इनपुट कॉस्ट, कम दाम: टैक्स सुधारों से उत्पादन की लागत घटेगी और इसका सीधा असर उपभोक्ताओं को मिलने वाली कीमतों पर होगा।
- दो ही मुख्य स्लैब: 3 सितंबर को हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में यह फैसला लिया गया था कि अब केवल दो प्रमुख जीएसटी दरें होंगी – 5% और 18%।
- लक्ज़री और हानिकारक वस्तुएं महंगी रहेंगी: इनके लिए एक अलग 40% का विशेष स्लैब तय किया गया है।
🔹 आम आदमी की जेब को सीधी राहत
सीतारमण ने कहा कि यह सुधार न केवल व्यापारियों के लिए सरल होंगे, बल्कि आम जनता की जेब का बोझ भी घटाएँगे। उन्होंने इसे त्योहारों से पहले दिया गया तोहफ़ा बताया –
“भारत जैसे विविधता वाले देश में त्योहारों के समय खर्च बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने दीपावली से पहले यह कदम उठाया है ताकि हर भारतीय को इसका लाभ मिले।”
🔹 सुधार क्यों ज़रूरी थे?
- जटिल टैक्स ढांचे से उपभोक्ताओं और कारोबारियों में भ्रम पैदा हो रहा था।
- अलग-अलग स्लैब से टैक्स का बोझ बढ़ रहा था और कई बार एक ही कैटेगरी में वस्तुओं की अलग दरों पर असमानता भी देखने को मिलती थी।
- अब नए सुधारों से टैक्स प्रणाली सरल होगी और वन नेशन, वन टैक्स की दिशा में भारत और मज़बूत कदम बढ़ाएगा।
🔹 असर कहाँ दिखेगा?
- रोजमर्रा की जरूरत के सामान (खाद्य तेल, साबुन, टूथपेस्ट, कपड़े, जूते आदि) सस्ते होंगे।
- छोटे कारोबारियों और एमएसएमई सेक्टर को टैक्स कैटेगरी स्पष्ट होने से राहत मिलेगी।
- त्योहारों और शादियों के सीजन में उपभोक्ताओं को कम कीमतों का सीधा फायदा होगा।