अजमेर का मशहूर सेवन वंडर पार्क, जो कभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र था, अब इतिहास बनने जा रहा है। रविवार को तीसरे दिन भी पार्क में बनी ताजमहल की प्रतिकृति को मजदूर हथौड़े और जेसीबी मशीनों से तोड़ते नजर आए। प्रशासनिक टीम और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई जारी है।
🔹 कैसे शुरू हुआ मामला?
- यह पार्क 2022 में अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 11.64 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था।
- तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका उद्घाटन किया था।
- इसमें दुनिया के सात अजूबों की प्रतिकृतियां बनाई गई थीं – ताजमहल, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, एफिल टॉवर, पीसा की मीनार, गीजा का पिरामिड, रोम का कोलोजियम और क्राइस्ट द रिडीमर।
🔹 क्यों तोड़ा जा रहा है पार्क?
- शिकायतकर्ता अशोक मलिक ने 2023 में सुप्रीम कोर्ट और NGT में याचिका दायर की थी।
- आरोप था कि यह पार्क डूब क्षेत्र (वेटलैंड) में बनाया गया है, जिससे पर्यावरण नियमों का गंभीर उल्लंघन हुआ है।
- अदालत ने माना कि निर्माण अवैध और पर्यावरण विरोधी है।
- सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने पहले आदेश दिया था कि 17 सितंबर 2025 तक पार्क पूरी तरह हटाया जाए।
🔹 तोड़फोड़ की मौजूदा स्थिति
- स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की प्रतिकृति पहले ही हटा दी गई है।
- अब ताजमहल की प्रतिकृति को पत्थर-दर-पत्थर तोड़ा जा रहा है।
- एफिल टॉवर, गीजा का पिरामिड और अन्य ढांचों पर भी जल्द कार्रवाई होगी।
- मौके पर पुलिस की भारी तैनाती है ताकि कोई विरोध या अव्यवस्था न हो।
🔹 कभी लोकप्रिय, अब विवादित
यह पार्क बेहद लोकप्रिय हो गया था।
- पर्यटक अजमेर आते तो यहां ज़रूर घूमने जाते।
- शादी और प्री-वेडिंग शूट्स का भी यह हॉटस्पॉट बन गया था।
- लेकिन कानूनी लड़ाई और पर्यावरण नियमों के चलते अब इसे खत्म किया जा रहा है।