महाराष्ट्र के सांगली जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां कुछ अज्ञात लोग आयकर विभाग के अधिकारी बनकर एक डॉक्टर के घर में घुसे और फर्जी तलाशी वारंट दिखाकर करोड़ों रुपये मूल्य के सोने-चांदी और नकदी लूट ले गए। यह पूरा घटनाक्रम इतनी योजना के साथ हुआ कि परिवार को पहले लगा यह वाकई आधिकारिक छापेमारी है।
कैसे हुआ वारदात का अंजाम?
सांगली के कवठेमहांकल इलाके में रहने वाले डॉ. जे. डी. म्हेत्रे का गुरुकृपा अस्पताल है और उनका घर भी अस्पताल के ऊपर ही है। रात करीब 11 बजे तीन पुरुष और एक महिला वहां पहुंचे। पहले उन्होंने खुद को डॉक्टर के रिश्तेदार बताया और कहा कि वे एक मरीज के साथ आए हैं। जैसे ही कंपाउंडर डॉ. म्हेत्रे को बुलाने के लिए ऊपर गया, ये चारों लोग उसके पीछे-पीछे जबरन घर में घुस गए।
घर के अंदर घुसते ही उन्होंने खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताया और एक फर्जी तलाशी वारंट दिखाया। “हम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आए हैं,” यह कहकर उन्होंने घर की तलाशी शुरू कर दी।
लूट की वारदात
ठगों ने पूरे घर को खंगाला और तसल्ली से सोने-चांदी के गहने, नकदी और कीमती सामान लेकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कि लूट की रकम करोड़ों में है। लुटेरों ने घर में तोड़फोड़ भी की ताकि लगे कि यह असली रेड है।
परिवार और इलाके में हड़कंप
घटना के समय घर में डॉ. म्हेत्रे और उनकी पत्नी मौजूद थे, जो डर और भ्रम की वजह से विरोध नहीं कर सके। लुटेरे इतनी निडरता से काम कर रहे थे कि आसपास के लोग भी संदेह में पड़ गए और कुछ कर नहीं पाए।
पुलिस जांच जारी
वारदात के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह संगठित हो सकता है और पहले से पूरी प्लानिंग करके वारदात को अंजाम दिया गया है।
👉 यह घटना लोगों के लिए बड़ी चेतावनी है कि किसी भी “छापेमारी” या “रेड” के दौरान तुरंत अधिकारी की असली पहचान और दस्तावेज़ की पुष्टि करें। असली विभागीय छापेमारी में स्थानीय पुलिस की मौजूदगी अनिवार्य होती है।